- चीन ने फरवरी में वन्यजीवों के मांस बेचने और खाने पर प्रतिबंध लगा दिया था
- शेनझेन में अधिकारियों ने एक आधिकारिक बयान जारी कर कहा कि कुत्ते औऱ बिल्ली के मांस खाने पर लगाया जाता है प्रतिबंध
- चीन में कोरोना वायरस के कहर की वजह से हजारों जानें गईं थी
पेईचिंग: कोरोना वायरस के जनकर चीन के एक शहर ने अपनी गलतियों से सबक लेते हुए कुत्ते और बिल्लियों का मांस खाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। दरअसल चीन के वुहान शहर में कोरोना वायरस ने इस कदर तबाही मचाई थी कि लोग अपने घरों से बाहर भी नहीं निकल पाए थे। अब इसी से सबक लेते हुए चीन के शेनझेन शहर ने कुत्ते-बिल्लियों के मांस खाने पर रोक लगा दी है और ऐसा करने वाला वह चीन का पहला शहर है।
वुहान से शुरू हुआ था कोरोना
इस तथ्य से कोई इनकार नहीं कर सकता है कि चीन का वुहान शहर ही कोरोना का सबसे पहला केंद्र था और आज उसी की बदौलत यह वायरस दुनियाभर में पचास हजार से ज्यादा लोगों की जान ले चुका है। एक अंतरराष्ट्रीय संस्था की रिपोर्ट के मुताबिक केवल एशिया में हर साल 3 करोड़ कुत्तों को मांस के लिए खत्म कर दिया जाता है। शेनजेन की स्थानीय सरकार ने कहा है कि कुत्ते और बिल्लियां पालतू जानवरों के तौर पर इंसानों के काफी नजदीक हैं।
अन्य शहरों में जारी है बिक्री
चीन के शेनझेन शहर ने यह प्रतिबंध ऐसे समय में लगाया है जब चीन के ही अन्य शहरों में धडल्ले से इस तरह के जानवरों की ब्रिकी जारी है। डेली मेल की एक खबर के मुताबिक चीन के ऐसे शहरों में इस तरह की खबरें करना और फोटो लेने पर भी सख्त मनाही है और इसके लिए दुकानों के बाहर बकायदा सुरक्षा गार्ड मौजूद रहते हैं। इससे पहले चीन ने फरवरी में वन्य जीवों के मांस बेचने और खाने पर रोक लगा दी थी।
स्थानीय प्रशासन ने किया फैसले का स्वागत
समाचार एजेंसी आईएएनएस के अनुसार, शेनझेन में अधिकारियों ने एक आधिकारिक बयान भी जारी किया, जिसमें कहा गया है 'कुत्ते और बिल्ली अन्य पालतू जानवरों की तुलना में में मनुष्यों के साथ बहुत करीबी संबंध स्थापित करते हैं... प्रतिबंध भी मानव सभ्यता की मांग और भावना के अनुरूप लगाया जा रहा है।' शेनझेन प्रशासन के फैसले का कई संस्थाओं के स्वागत किया है।
डेली मेल की रिपोर्ट का दावा
इससे पहले कुछ दिन पहले खबर आई थी कि कोरोना पर कथित जीत के जश्न में चीन में कुत्तों और बिल्लियों की ब्रिकी जोरों पर है और उन्हें जंग खाए पिंजरों में कैद कर दिया गया। डेली मेल के मुताबिक, यहां चमगादड़ और बिच्छू भी बेचे जा रहे हैं। खरशोश और बत्तखों के खून से घरों की छतें और फर्श लाल हो गए हैं और घरों के बाहर केवल जानवरों के अवशेष नजर आ रहे हैं।