- जापान के पूर्व पीएम शिंजो आबे की गोली मारकर कर दी गई थी हत्या
- हत्यारे को मौके से कर लिया गया था गिरफ्तार
- अब हत्यारे का खुलासा- मां के धर्म के कारण तबाह हो गया था जीवन
जापान के पूर्व पीएम शिंजो आबे के हत्यारे ने अब एक बड़ा ही खुलासा किया है। उसने दावा किया है कि शिंजो आबे उसके सही मायने में दुश्मन नहीं थे, उसकी जिंदगी तो उसकी मां के कारण बर्बाद हुई है। मां के चर्च में दान करने की आदत ने परिवार को दाने-दाने के लिए मोहताज कर दिया। कभी करोड़ों का वारिस हत्यारा तेत्सुया यामागामी इसके कारण ऐसा कंगाल हुआ कि ठीक से खाना भी नसीब होना बंद गया था।
यूनिफिकेशन चर्च विवादों में रहा है
यामागामी को नवंबर के अंत तक दिमागी जांच के लिए हिरासत में रखा गया है। यामागामी ने पहले सोशल मीडिया पर यूनिफिकेशन चर्च के प्रति घृणा व्यक्त की थी। इस चर्च को 1954 में दक्षिण कोरिया में स्थापित किया गया था और 1980 के दशक के बाद से इस पर आरोप लग रहा है कि यह अपनी कुटिलता और ब्रेनवॉशिंग के जरिए अपने भक्तों से करोड़ों का दान ले रहा है। इस चर्च के कारण कई परिवार तबाह हो चुके हैं।
पत्र से हुआ खुलासा
द एसोसिएटेड प्रेस के अनुसार एक पत्र और ट्वीट्स में आबे के हत्यारे ने कहा कि उनकी मां के यूनिफिकेशन चर्च में भारी-भरकम दान के कारण उनका परिवार और जीवन नष्ट हो गया था। पुलिस ने पुष्टि की है कि यामागामी के पत्र का एक मसौदा उसके एक कमरे के अपार्टमेंट से जब्त किए गए कंप्यूटर में मिला था। आरोप ने लिखा है- "मेरी मां के चर्च में शामिल होने के बाद (1990 के दशक में), मेरी पूरी किशोरावस्था चली गई, लगभग 100 मिलियन येन ($735,000) बर्बाद हो गए।"
बचपन में पिता की मौत
यामागामी 4 वर्ष का था जब उसके पिता की हत्या हो गई थी। इसक बाद उसकी मां यूनिफिकेशन चर्च में शामिल हो गई। जहां उनके दान के कारण परिवार दिवालिया हो गया और यामागामी की कॉलेज जाने का सपना टूट गया। उसके भाई ने बाद में आत्महत्या कर ली। नौसेना में तीन साल के कार्यकाल के बाद, यामागामी हाल ही में एक कारखाने में छोटी सी नौकरी कर रहा था।
चाचा का खुलासा
यामागामी के चाचा की माने तो उनके भाई की मृत्यु के बाद उनकी भाभी ने कंपनी की 40 मिलियन येन (293,000 डॉलर) की संपत्ति बेच दी, जिससे 2002 में परिवार दिवालिया हो गया। चाचा ने कहा कि बच्चों को खाने और स्कूल के लिए पैसे मिलने बंद हो गए। जब यामागामी ने 2005 में खुद को मारने की कोशिश की, तो उनकी मां दक्षिण कोरिया की यात्रा से नहीं लौटीं, जहां उस विवादित चर्च की स्थापना हुई थी।
चर्च के संस्थापक की पत्नी को मारने का था प्लान
यामागामी ने कथित तौर पर पुलिस को बताया कि उसने चर्च के संस्थापक की पत्नी, हाक जा हान मून को मारने की योजना बनाई थी, लेकिन बाद में योजना को बदलना पड़ा क्योंकि कोरोना महामारी के कारण वह जापान नहीं आई। उसने कहा- "आबे मेरा प्रमुख दुश्मन नहीं थे। वह यूनिफिकेशन चर्च के सबसे प्रभावशाली सपोर्टरों में से केवल एक थे।"
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