- नासा-स्पेसएक्स का ह्यूमन स्पेस मिशन लॉन्च
- पहली बार निजी कंपनी का स्पेसक्राफ्ट इंसानों को लेकर गया
- जॉन एफ केनेडी स्पेस सेंटर से सफलतापूर्वक हुआ लॉन्च
फ्लोरिडा: अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा और निजी कंपनी स्पेसएक्स ने इतिहास रच दिया है। दोनों ने साथ मिलकर पहली बार मानव युक्त अंतरिक्ष मिशन के लिए रॉकेट रवाना कर दिया। फ्लोरिडा के केप कनवरल में जॉन एफ केनेडी स्पेस सेंटर से NASA-SpaceX Demo-2 mission सफलतापूर्वक लॉन्च हो गया है। भारतीय समय के अनुसार स्पेसएक्स के फाल्कन 9 रॉकेट ने रविवार तड़के तकरीबन 1 बजे उड़ान भरी। ड्रैगन कैप्सूल और फाल्कन 9 रॉकेट की यह उड़ान किसी निजी कंपनी द्वारा अंतरिक्ष में मानव को भेजने का पहले मिशन है। खराब मौसम के चलते अंतरिक्ष के लिए इस उड़ान में तीन दिन की देरी हो गई।
अमेरिका ने 9 साल बाद भेजा मानव मिशन
अमेरिका ने 9 साल बाद ऐतिहासिक कारनामा अंजाम दिया है। अमेरिका ने साल 2011 के बाद अपनी धरती से यात्रियों को स्पेस स्टेशन भेजा है। नासा के ऐडमिनिस्ट्रेटर जिम ब्राइडेनस्टीन ने ट्वीट करते हुए बताया, '9 साल में पहली बार अब हमने अमेरिकी अंतरिक्ष यात्रियों को अमेरिकी रॉकेट के जरिए अमेरिका की धरती से भेजा है। मुझे नासा और स्पेसएक्स टीम पर गर्व है, जिसने हमें इस क्षण को देखने का मौका दिया है। यह एक बहुत अलग तरह की फीलिंग है, जब आप अपनी टीम को इस रॉकेट (फाल्कन 9) पर देखते हैं। ये हमारी टीम है। यह लॉन्च अमेरिका है।'
कौन हैं दोनों अंतरिक्ष यात्री?
स्पेसक्राफ्ट के जरिए दो अंतरिक्षयात्री रॉबर्ट बेहेनकेन और डगलस हर्ले अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन के लिए रवाना किया गया है। दोनों अंतरिक्ष यात्री 19 घंटे का सफर तय करते हुए इसे लेकर इंटरनैशनल स्पेस सेंटर पहुंचेंगे।दोनों अंतरिक्ष यात्रियों का चयन 2000 में हुआ था। दोनों ही स्पेस शटल के ज़रिए दो-दो बार अंतरिक्ष में जा चुके हैं। ये नासा के एस्ट्रोनॉट कॉर्प्स के सबसे ज्यादा अनुभवी लोग हैं। इन दोनों अंतरिक्ष यात्रियों को अमेरिकी कंपनी स्पेसएक्स के स्पेसक्राफ्ट ड्रैगन से इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के लिए भेजा गया है। स्पेसएक्स अमेरिकी उद्योगपति एलन मस्क की कंपनी है।
क्या करेगा मानव मिशन?
इस स्पेस कार्यक्रम और लॉन्च कैप्सूल की कई खासियए हैं जो आने वाले दिनों में अमेरिका व नासा की स्पेस में खोज को लेकर काफी मदद कर सकती हैं। ये एक तकरीबन पूरी तरह से ऑटोमैटिक व्यवस्था होगी। स्पेसक्राफ्ट अंतरिक्ष में पहुंचकर पहले खुद को सही ऑर्बिट में स्थापित करेगा और फिर स्पेस स्टेश से खुद को जोड़ेगा। ये ऑटोमैटिक होगा लेकिन साथ ही दोनों अंतरिक्ष यात्रियों और स्पेस स्टेशन के अंदर मौजूद अंतरिक्ष यात्रियों के पास भी इसका कंट्रोल रहेगा। एक बार मिशन पूरा हो जाएगा, क्रू ड्रैगन अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर अपने आप खुद को स्पेस स्टेशन से अलग करेगा। इसके बाद सभी जरूरी प्रोटोकॉल फॉलो करने के बाद फिर से ये धरती पर आएगा।