नई दिल्ली: रूसी प्रत्यक्ष निवेश कोष (RDIF) ने 6 मई को घोषणा की कि उसने एक डोज वाली स्पूतनिक लाइट के उपयोग को अनुमति दे दी है। स्पूतनिक लाइट 80 प्रतिशत प्रभावी बताई जा रही है। आरडीआईएफ के अनुसार, रूस के गमलेया संस्थान द्वारा विकसित वैक्सीन कोविड-19 के खिलाफ 79.4 प्रतिशत प्रभावी है। स्पूतनिक लाइट की कीमत 10 डॉलर प्रति खुराक होगी और इसे निर्यात के लिए रखा गया है।
आरडीआईएफ ने एक बयान में कहा, 'सिंगल डोज स्पूतनिक लाइट वैक्सीन ने 5 दिसंबर 2020 से 15 दिसंबर 2021 के बीच रूस के सामूहिक टीकाकरण कार्यक्रम के हिस्से के रूप में इंजेक्शन के 28 दिनों बाद लिए गए विश्लेषण के अनुसार 79.4 प्रतिशत प्रभावकारिता का प्रदर्शन किया।'
स्पूतनिक लाइट रूस में स्वीकृत चौथा घरेलू विकसित कोविड-19 रोधी टीका है जिसे देश में मंजूरी दी गई है। रूसी स्वास्थ्य मंत्री मिखाइल मुराशको ने कहा कि चौथे टीके को अधिकृत करने से वायरस के खिलाफ सामूहिक प्रतिरक्षा बनाने की प्रक्रिया को गति देने में मदद मिलेगी। अधिकतर वैज्ञानिकों का मानना है कि कोविड-19 के खिलाफ सामूहिक प्रतिरक्षा हासिल करने के लिए कम से कम 70 प्रतिशत आबादी का टीकाकरण आवश्यक है, लेकिन सटीक सीमा अभी भी अज्ञात है।
भारत आ गई स्पूतनिक वी
इससे पहले रूस ने 11 अगस्त 2020 को कोरोना वायरस की वैक्सीन स्पूतनिक वी को मंजूरी दी थी। इसे 95 प्रतिशत से ज्यादा असरदार पाया गया है। भारत ने भी इसे मंजूरी दे दी है। भारत को रूस से स्पूतनिक वी वैक्सीन की 1.5 लाख खुराक की पहली खेप भी मिल गई है। सितंबर में डॉ रेड्डीज लैबोरेटरीज और रूसी प्रत्यक्ष निवेश कोष ने स्पुतनिक वी के चिकित्सकीय परीक्षण के लिए एक समझौता किया था। डॉ रेड्डीज को रुसी वैक्सीन के नियंत्रित आपातकालिक उपयोग की अनुमति पहले ही मिल चुकी है।