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जब स्वेज नहर में फंसा विशालकाय कार्गो शिप, वैश्विक कारोबार पर लगा तेज हवा का 'ग्रहण', Pics 

Updated Mar 26, 2021 | 08:58 IST

Egypt's Suez Canal : स्वेज नहर दुनिया के व्यस्तम जलमार्गों में से एक है। मानव द्वारा निर्मित इस नहर से दुनिया का 12 प्रतिशत कारोबार होता है। यह मार्ग यूरोप और एशिया को जोड़ता है।

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तस्वीर साभार:&nbspAP
स्वेज नहर में फंसा विशालकाय कार्गो शिप।

नई दिल्ली : मिस्र के स्वेज नहर में फंसे विशालकाय मालवाहक जहाज (कार्गो शिप) को निकालने का काम चल रहा है। बताया जा रहा है कि इस रास्ते को बहाल करने में अभी कुछ और दिनों का समय लग सकता है। इस मार्ग के बाधित होने से दुनिया का कारोबार प्रभावित होने लगा है। भूमध्य सागर से लाल सागर से जोड़ने वाले इस स्वेज नहर के रास्ते रोजाना 50 मालवाहक जहाज गुजरते हैं लेकिन अब रास्ता बंद होने से बुधवार सुबह तक नहर के दोनों छोरों पर 150 से ज्यादा मालवाहक जहाज फंस गए।

इस एवर गिवेन मालवाहक जहाज पर मौजूद चालक दल के सभी सदस्य भारतीय हैं जो कि पूरी तरह सुरक्षित हैं। एवर गिवेन का परिचालन करने वाली बर्नचार्ड शटल शिपमेंट ने कहा है कि चालक दल के सभी 25 सदस्य सुरक्षित हैं। मंगलवार सुबह जहाज जब फंस गया तो मिस्र के दो पायलट मदद के लिए पहुंचे। 

स्वेज नहर दुनिया के व्यस्तम जलमार्गों में से एक है। मानव द्वारा निर्मित इस नहर से दुनिया का 12 प्रतिशत कारोबार होता है। यह मार्ग यूरोप और एशिया को जोड़ता है। इस कंटेनर शिप पर 224,000 टन का सामान लदा है। 

मार्ग में इसके फंसे होने से दुनिया में तेल एवं गैस की आपूर्ति प्रभावित होने लगी है। कंटेनर शिप के फंसे होने के चलते दुनिया भर में तेल एवं गैस के दाम बढ़ने लगे हैं।  

इस नहर की लंबाई 120 मील है जो अफ्रीकी महाद्वीप को एशिया से अलग करती है। मिस्र ने इस नहर को 1956 में राष्ट्रीयकृत किया। इस नहर पर पूरा नियंत्रण मिस्र का है।

जहाज ने जब लाल सागर से स्वेज नहर में प्रवेश किया तो उसी दौरान इसे तेज हवा का सामना करना पड़ा। जहाज के नहर में फंसने की वजह तेज हवा बताई गई है। मंगलवार को इस इलाके में तेज हवाएं चल रही थीं। 

एवर गिवेन जहाज नीदरलैंड के रोटर्डम के लिए रवाना हुआ था। 2018 में बने इस जहाज की लंबाई 400 मीटर और चौड़ाई 59 मीटर है। ये दुनिया के कुछ सबसे बड़े मालवाहक जहाजों में से एक है।