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Sunanda Vashisht: यूएस कांग्रेस में कश्मीरी हिंदू महिला ने हिंदुओं के विस्थापन की सुनाई दर्दनाक दास्तां

Updated Nov 15, 2019 | 20:57 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

Kashmiri Hindus exodus from jammu kashmir: 1990 में कश्मीरी पंडितों के विस्थापन की दास्तां को सुनंदा वशिष्ट ने यूएस कांग्रेस को सुनाया। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 के हटने के बाद उनके मानवाधिकार की बहाली होगी।

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सुनंदा वशिष्ट कश्मीर से हैं और वो पत्रकार हैं
मुख्य बातें
  • अमेरिकी कांग्रेस में पत्रकार सुनंदा वशिष्ठ ने कश्मीरी हिंदुओं के विस्थापन की तस्वीर पेश की
  • अनुच्छेद 370 के हटाए जाने के बाद सही मायनों में मानवाधिकार की बहाली हुई
  • सुनंदा बोलीं, उम्मीद है कि एक न एक दिन उनके भी अपने और कश्मीर हिंदू समाज को अधिकार मिलेगा

वाशिंगटन : मानवाधिकार के मुद्दे पर भारत को कठघरे में खड़ा करने वालों को कॉलमिस्ट सुनंदा वशिष्ठ ने करार जवाब दिया है। अमेरिकी कांग्रेस में मानवाधिकारों पर सुनवाई के दौरान सुनंदा ने कश्मीरी पंडितों की आवाज बनीं और उन पर हुए जुल्म एवं अत्याचार को दुनिया के सामने रखा। उनका यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस कार्यक्रम में उन्होंने 1990 में कश्मीरी पंडितों एवं हिंदुओं के साथ हुई 'भयावहता' का जिक्र किया जिसे सुनकर लोग अचंभित रह गए।

सुनंदा ने कहा, 'मैं कश्मीर के अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय की एक सदस्य हूं। मैं आजाद भारत में अब तक के सबसे बर्बर जातीय नरसंहार की पीड़िता हूं। मैं यहां अपनी बात रख रही हूं।' उन्होंने एक एक कर उन हृदय विदारक घटनाओं के बारे में बता जिसका दंश कश्मीर से विस्थापित कश्मीर पंडित आज भी झेल रहे हैं।


सुनंदा वशिष्ठ, एक कश्मीरी पंडित बी के गंजू का जिक्र करती हैं जो इंजीनियर थे। वो बताती है कि किस तरह से आतंकी जब उनके घर में दाखिल हुए तो खुद को बचाने के लिए वो चावल रखने के लिए बने कंटेनर में खुद को कैद कर लिया। वो आज हम सबके बीच में होते अगर उनके ठिकाने के बारे में उनके पड़ोसियों ने आतंकियों को जानकारी नहीं दी होती। आतंकियों ने कंटेनर को निशाना बनाते हुए गोलियों की बौछार की और उनकी पत्नी को खून से सने चावल को खाने के लिए मजबूर कर दिया। 

सुनंदा वशिष्ठ ने कहा कि अनुच्छेद 370 का हटाना मानवाधिकार को स्थापित करने की तरह है। वो इस फैसले से खुश हैं क्योंकि दूसरे भारतीयों की तरह आम कश्मीरियों को भी अब अधिकार मिले हैं। अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद आम कश्मीरी और संपत्ति पर हक जता सकती है, एलजीबीटी जैसे कानूनों को लागू किया जा सकता है। कश्मीर के ज्यादातर इलाकों में इंटरनेट की सेवा बहाल की गई और उन्हें उम्मीद है कि आने वाले समय में इंटरनेट सेवा घाटी के दूसरे इलाकों में भी जल्द बहाल हो जाएगी। वो कश्मीर की बहादुर लड़की हैं, आतंकवाद की वजह से वो तबाह हो गईं उन्हें अपने घर से रुखसती का सामना करना पड़ा। उन्हें उम्मीद है कि एक न एक दिन उनके और उनसे जुड़े समाज के लोगों के मानवाधिकारों की बहाली होगी।