- दुनिया से जुड़े रहने के लिए काबुल एयरपोर्ट का संचालन जारी रहना बेहद जरूरी है
- इसके बंद हो जाने पर दुनिया के बाकी हिस्सों से पूरी तरह से कट जाएगा अफगानिस्तान
- राहत कार्य और मानवीय मदद पहुंचाने के लिए भी इस एयरपोर्ट का चलना जरूरी है
अंकारा : अफगानिस्तान में तालिबान ने अपना राज भले ही कायम कर लिया हो लेकिन प्रशासनिक व्यवस्था चलाने में उसके सामने अड़चनें आने लगी हैं। तालिबान ने काबुल एयरपोर्ट के संचालन में तुर्की की मदद मांगी है। रायटर की रिपोर्ट के मुताबिक तुर्की के दो अधिकारियों ने यह जानकारी दी है। अधिकारियों का कहना है कि तालिबान ने अगस्त की समयसीमा खत्म होने तक तुर्की सैनिकों को भी अफगानिस्तान से निकलने पर जोर दिया है। तुर्की नाटो का हिस्सा है और उसके कुछ सैनिक काबुल एयरपोर्ट की सुरक्षा में भी तैनात हैं।
पेशकश पर पशोपेश में है अंकारा
रिपोर्ट के अनुसार एक अधिकारी ने कहा कि तालिबान की इस चुनौतीपूर्ण पेशकश को अंकारा स्वीकार करे या नहीं, इसे लेकर वह पशोपेश है। इस बारे में निर्णय लेना काफी मुश्किल है। तुर्की अफगानिस्तान में नाटो मिशना का हिस्सा रहा है और अभी भी उसके सैकड़ों सैनिक काबुल एयरपोर्ट की सुरक्षा में तैनात हैं। अधिकारियों ने कहा है कि वे शॉर्ट नोटिस पर वहां से निकलने के लिए तैयार हैं।
काबुल एयरपोर्ट के जरिए ही दुनिया से जुड़ा है अफगानिस्तान
अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा हो जाने के बाद यह देश काबुल एयरपोर्ट के जरिए ही दुनिया के बाकी हिस्सों से जुड़ा है। दुनिया के देश इस एयरपोर्ट से ही अपने नागरिकों का रेस्क्यू कर रहे हैं। देश से बाहर निकलने के लिए हजारों की सख्या में लोग रोजाना काबुल एयरपोर्ट पहुंच रहे हैं। यहां की सुरक्षा व्यवस्था संभालना बेहद चुनौतीपूर्ण काम है। तुर्की के राष्ट्रपति तैय्यप एर्दोगान ने कुछ दिनों पहले कहा था कि यदि उनसे कहा गया तो वह काबुल एयरपोर्ट पर अपने कुछ सैनिकों को रखने और इसके संचालन की जिम्मेदारी उठाने के लिए तैयार हैं। उन्होंने एयरपोर्ट पर तकनीकी एवं सुरक्षा मदद देने की पेशकश की।
तालिबान का कहना है कि तुर्की से उसके अच्छे संबंध हैं
काबुल एयरपोर्ट से विमानों का संचालन होना काफी अहम है। इसके बंद हो जाने के बाद अफगानिस्तान दुनिया के बाकी हिस्सों से कट जाएगा। यही नहीं देश में राहत कार्य एवं आपूर्ति के लिए भी इस एयरपोर्ट का चलना अत्यंत जरूरी है। तुर्की और तालिबान के बीच संबंध अच्छे हैं। तालिबान के प्रवक्ता जैबिहुल्ला मुजाहिद ने गत मंगलवार को कहा कि उनका संगठन तुर्की के साथ अच्छे संबंध चाहता है। मुजाहिद ने कहा, 'हम तुर्की और तुर्की सरकार के साथ अच्छे संबंध चाहते हैं। तुर्की की सेना की हमें जरूरत नहीं है। रेस्क्यू प्रक्रिया समाप्त हो जाने के बाद एयरपोर्ट की सुरक्षा हम खुद देखेंगे।'