- अफगानिस्तान के बड़े क्षेत्र पर तालिबान का नियंत्रण हो गया है
- अब प्रांतीय राजधानियों पर कब्जे के लिए संघर्ष कर रहे लड़ाके
- उत्तरी क्षेत्र से भागकर बड़ी संख्या में लोग राजधानी काबुल पहुंचे हैं
अफगानिस्तान (Afghanistan) में अपनी पकड़ मजबूत करने के बाद तालिबान (Taliban) अपना असली चेहरा दिखाने लगा है। देश के जिन इलाकों में उसका कब्जा हो गया है, वहां आम लोगों के लिए रहना मुश्किल हो गया है। तालिबान की हिंसा (Taliban Fighters), बर्बरता एवं अत्याचार इतना बढ़ गया है कि हजारों की संख्या में लोग अपना घर छोड़कर सुरक्षित इलाकों में अपने लिए आशियाना तलाश रहे हैं। देश के उत्तरी क्षेत्र में तालिबान के खौफ से हजारों लोग विस्थापित हुए हैं। तालिबान लड़ाकों (Taliban Fighters) के अत्याचार एवं हिंसा से परेशान लोगों ने अपनी आपबीती सुनाई है।
विस्थापित हुए लोग भागकर काबुल पहुंचे
एएफपी की रिपोर्ट के मुताबिक लड़ाकों के हमलों एवं अत्याचार से परेशान होकर कई लोग इस सप्ताह राजधानी काबुल पहुंचे। कुंदुज से अपने छह बच्चों को लेकर काबुल पहुंचने वाली 36 साल की फरीबा ने बताया, 'हमने जेल के पास शव देखे...शवों के बगल में कुत्ते थे।' राजधानी कुंदुज पर तालिबान का कब्जा हो गया है।
तालिबान लड़ाकों ने नाई को भी नहीं बख्शा
रिपोर्ट के मुताबिक कुंदुज से तीन दिन पहले काबुल पहुंचने वाले 22 साल के मीरवाइज खान आमिरी ने बताया कि तीन दिन पहले तालिबान लड़ाकों ने एक नाई की हत्या कर दी। लड़ाकों को आशंका थी कि नाई सरकार के लिए काम कर रहा है। आमिरी का कहना है कि तालिबान उन लोगों की भी हत्या कर दे रहे हैं जिन्होंने चार-पांच साल पहले सरकार के लिए काम करना बंद कर दिया था। कुंदुज से भागने वाले अब्दुलमन्नान ने एएफपी को बताया कि तालिबान लड़ाकों ने उनके लड़के का सिर कलम कर दिया।
अत्याचार की रिपोर्टों से इंकार करता है तालिबान
रिपोर्ट के मुताबिक अब्दुलमन्नान ने कहा, 'वे उसे ले गए...जैसा कि वह भेड़ हो..उन्होंने उसका सिर कलम कर दिया और फिर उसे फेंक दिया।' एएफपी का कहना है कि वह इन रिपोर्टों का स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं कर सका है। हालांकि, अत्याचार की रिपोर्टों से तालिबान इंकार करता आया है। संयुक्त राष्ट्र सहित कई मानवाधिकार संगठनों का कहना है कि तालिबान अफगानिस्तान में युद्ध अपराध कर रहा है और इसकी जांच होनी चाहिए। विस्थापन पर संयुक्त राष्ट्र की अंतरराष्ट्रीय संस्था ने मंगलवार को कहा कि केवल इस साल संघर्ष में 359,000 से ज्यादा लोग विस्थापित हुए हैं।
'शादी के लिए लड़कियों को कर रहे अगवा'
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि तालोकान से भागी 25 साल की विधवा मारवा ने बताया, 'मैंने सुना कि मेरी 16 साल की चचेरी बहन को तालिबान लड़ाकों ने अगवा कर लिया। वे अपने किसी एक लड़ाके से उसकी शादी कराने वाले हैं।' मारवा ने कहा कि उनकी चचेरी बहन की सगाई हो चुकी है और उसका मंगेतर फ्रांस में रहता है। उसने बताया, 'परिवार में जब दो लड़कियां होती हैं तो वे लड़ाके के साथ शादी कराने के लिए एक लड़की को ले जाते हैं और परिवार में यदि दो लड़के होते हैं तो वे एक को लड़ाका बनाते हैं।'