काबुल : अफगानिस्तान के तालिबानी शासकों के फरमान के बाद देश की तमाम टीवी न्यूज एंकरों ने रविवार से ही अपना चेहरा ढकना शुरू कर दिया है। हालांकि पिछले गुरुवार को घोषित किए गए तालिबान सरकार का यह आदेश 21 मई को लागू हुआ लेकिन कुछ मुट्ठी भर न्यूज संस्थान ने इसका अनुपालन किया। अलजजीरा की रिपोर्ट के अनुसार, तालिबान के वाइस एंड वर्चु मंत्रालय द्वारा जारी फरमान लागू करना करने के बाद अधिकांश महिला एंकरों को अपने चेहरे ढके हुए देखा गया। सूचना और संस्कृति मंत्रालय ने पहले घोषणा की थी कि यह पॉलिसी आखिरी फाइल और नन नेगोशिएबल थी। वाइस एंड वर्चु मंत्रालय ने रविवार सुबह फरमान का पालन करने की अंतिम समय सीमा के रूप में घोषणा की थी और आदेश को अनिवार्य बताया था।
इस बीच, काबुल में TOLO न्यूज और अन्य टीवी चैनलों की महिला एंकरों ने वाइस एंड वर्चु मंत्रालय के आदेश का पालन करते हुए अपना चेहरा ढंक लिया। हालांकि TOLO न्यूज ने कहा कि इस्लामिक अमीरात के नेतृत्व द्वारा हिजाब के बारे में हालिया फरमान में टीवी कार्यक्रमों पर महिला एंकरों के चेहरे को कवर करने के संबंध में कोई स्पष्ट संकेत नहीं था। इसके अलावा, TOLO न्यूज भी टीवी पर महिला एंकरों की इमेज को वर्चुअल मानता है न कि महिलाओं की वास्तविक उपस्थिति के रूप में और इसलिए इस मामले में अपनी स्थिति पर कायम है।
एक टेलीविजन एंकर सोनिया नियाजी ने कहा कि इस्लामिक अमीरात (तालिबान सरकार) के फरमान से पहले, हम हिजाब (हेडस्कार्फ़) को ऑन और ऑफ-स्क्रीन दोनों में देख रहे थे क्योंकि यह हमारे (इस्लामी) दायित्वों में से एक है। भगवान का शुक्र है, हम मुस्लिम हैं, लेकिन इस तरह के हिजाब (जो चेहरे को ढंकते हैं) और मास्क (चेहरे को ढंकने के लिए) पहनने का कोई इस्लामी औचित्य नहीं है और यह हमारी संस्कृति में नहीं है।