काबुल। अफगानिस्तान के नये तालिबान शासकों ने कभी महिला मामलों का मंत्रालय रहे एक भवन से शनिवार को विश्व बैंक के कार्यक्रम के कर्मचारियों को जबरन बाहर कर ‘सदाचार प्रचार एवं अवगुण रोकथाम’ मंत्रालय स्थापित किया।काबुल पर कब्जा कर सरकार में आने के महज एक महीने बाद तालिबान द्वारा महिलाओं के अधिकारों पर पाबंदी लगाने वाला यह एक नया कदम है। तालिबान ने 1990 के दशक में अपने शासनकाल के दौरान बालिकाओं और महिलाओं को शिक्षा के अधिकार से वंचित कर दिया था और उनके सार्वजनिक जीवन पर पाबंदी लगा दी थी।
तालिबानी सरकार में जुल्म का दौर
पूर्वी प्रांतीय राजधानी जलालाबाद में शनिवार को तालिबान वाहनों को निशाना बना कर किये गये विस्फोटों में तीन लोग मारे गये जबकि 20 अन्य घायल हो गये। प्रत्यक्षदर्शियों ने यह जानकारी दी।इस हमले की अभी तक किसी संगठन ने जिम्मेदारी नहीं ली है लेकिन इस्लामिक स्टेट आतंकवादियों का मुख्यालय इस इलाके में है और वे तालिबान के दुश्मन हैं।काबुल में महिला मामलों के मंत्रालय के बाहर उस वक्त एक नया घटनाक्रम दिखा, जब यह घोषणा की गई कि यह अब ‘उपदेश और मार्गदर्शन तथा सदगुण प्रचार एवं अवगुण रोकथाम मंत्रालय’ होगा।
विश्व बैंक के 10 करोड़ डॉलर के महिला आर्थिक सशक्तीकरण एवं ग्रामीण विकास कार्यक्रम को शनिवार को जमीनी स्तर पर बंद कर दिया गया। कार्यक्रम के सदस्य शरीफ अख्तर ने यह जानकारी दी जो हटाये जा रहे लोगों में शामिल हैं।अफगान वीमेंस नेटवर्क का नेतृत्व करने वाली मबौबा सुराज ने कहा कि वह महिलाओं और बालिकाओं को पाबंद करने वाले तालिबान सरकार के आदेशों से हतप्रभ है।
महिलाओं के लिए पाबंदी मंत्रालय
इस बीच, तालिबान द्वारा संचालित शिक्षा मंत्रालय ने छठी से 12 वीं कक्षा के लड़कों को अपने पुरूष शिक्षकों के साथ शनिवार से स्कूल आने को कहा, लेकिन इन कक्षाओं में स्कूल आने वाली लड़कियों का कोई जिक्र नहीं किया गया।इससे पहले, उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा था कि लड़कियों को समान रूप से शिक्षा हासिल करने का अधिकार दिया जाएगा।सुराज ने कयास लगाया कि विरोधाभासी बयान शायद तालिबान में विभाजन को प्रदर्शित करता है।
महिलाओं के अधिकार एवं शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए 2003 में अफगानिस्तान लौटी अफगान-अमेरिकी सुराज ने कहा कि उनके कई साथी कार्यकर्ता देश छोड़ चुके हैं।यूनेस्को महानिदेशक ऑड्रे आजूले ने केवल लड़कों को स्कूल आने के लिए कहने और लड़कियों पर तालिबान की ओर से पाबंदी लगाये जाने पर बढ़ती चिंता में शनिवार को अपनी आवाज भी मिलाई।
संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र के उद्घाटन के लिए न्यूयॉर्क पहुंचकर अपने बयान में आजूले ने कहा, ‘‘अगर यह पाबंदी बनी रही तो लड़कियों और महिलाओं के लिए शिक्षा के बुनियादी अधिकार का उल्लंघन होगा। शनिवार को ही पाकिस्तान की राष्ट्रीय एयरलाइन की एक उड़ान 322 यात्रियों के साथ काबुल हवाईअड्डे से रवाना हुई, जबकि 187 यात्रियों के साथ ईरान की एक उड़ान रवाना हुई। हवाईअड्डे के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।