वेलिंगटन (न्यूजीलैंड) : पॉलिनेशियन देश टोंगा के पास समुद्र में हुए भीषण ज्वालामुखी विस्फोट के बाद यहां संकट के बादल मंडराए हुए हैं। यहां एक एयरपोर्ट की हवाईपट्टी पर राख की एक मोटी परत जम गई है, जिससे इस छोटे से प्रशांत द्वीपीय देश में सहायता सामग्रियां पहुंचाने में भी देरी हो रही है। टोंगा की सरकार ने समुद्र में ज्वालामुखी विस्फोट के बाद पहली बार जारी बयान में कहा है कि देश 'भीषण आपदा' की स्थिति का सामना कर रहा है।
इस छोटे से द्वीप देश के साथ संपर्क व संचार सेवाएं पहले से ही उन्नत नहीं हैं और अब समुद्र में ज्वालामुखी विस्फोट के स्थिति और भी विकट हो गई है। सुनामी के साथ-साथ देश के कई हिस्सों में आसमान में राख देखी जा रही है, जिससे आवागमन प्रभावित हुआ है और सहायता सामग्री को यहां तक पहुंचाना एक मुश्किल काम बना हुआ है। फिलहाल न्यूजीलैंड की सेना सबसे जरूरी पेयजल और अन्य सामग्रियां इस संकटग्रस्त देश में भेज रही है।
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आसमान में बिखरी पड़ी है राख
टोंगा के पास समुद्र में ज्वालामुखी विस्फोट की यह घटना शनिवार को हुई थी, जिसके बाद मंगलवार को सरकार की ओर से पहली बार इस संबंध में बयान जारी किया गया और इसमें एक ब्रिटिश महिला सहित तीन लोगों की मौत की पुष्टि की गई, जबकि लाखों लोग विस्थापित हुए और कई लापता हैं। ज्वालामुखी विस्फोट के बाद जहां समुद्र में 15 मीटर (49 फीट) ऊंची सुनामी की लहरें देखी गई हैं, वहीं आसमान में राख बिखरा पड़ा है, जिसकी मोटी परत धरातल पर भी जम गई है।
बीते सप्ताह यहां के समुद्री क्षेत्र में हुए ज्वालामुखी विस्फोट के बाद सोशल मीडिया पर कई तस्वीरें व वीडियो आए, जो घटना की भयावहता को बयां करते हैं। इससे देश का पश्चिमी तट सर्वाधिक प्रभावित हुआ है। करीब 1,05,000 की आबादी वाले टोंगा की मदद के लिए न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया सहित दुनिया के कई देशों ने हाथ बढ़ाया है, लेकिन ज्वालामुखी की राख अब भी एक बड़ी समस्या बनी हुई है, जिसकी वजह से सहायता सामग्री को यहां पहुंचने में देरी हो रही है।