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PAK के करीबी तुर्की का कश्‍मीर राग! UN में एर्दोआन का भाषण, भारत जता चुका है कड़ी आपत्ति

Updated Sep 22, 2021 | 12:48 IST

पाकिस्‍तान के करीबी सहयोगी तुर्की के राष्‍ट्रपति एर्दोआन ने एक बार फिर कश्‍मीर का जिक्र अंतरराष्‍ट्रीय मंच से किया, जबकि भारत तुर्की के इस रवैये पर पहले ही कड़ी आपत्ति जता चुका है।

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तस्वीर साभार:&nbspAP, File Image
PAK के करीबी तुर्की का कश्‍मीर राग! UN में एर्दोआन का भाषण, भारत जता चुका है कड़ी आपत्ति
मुख्य बातें
  • तुर्की ने एक बार फिर संयुक्‍त राष्‍ट्र में कश्‍मीर का जिक्र किया है
  • पाक के करीबी तुर्की ने पिछले साल भी यह मसला उठाया था
  • भारत पहले ही तुर्की के रवैये पर कड़ी आपत्ति जता चुका है

संयुक्त राष्ट्र : तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के उच्च स्तरीय सत्र में वैश्विक नेताओं के नाम अपने संबोधन में एक बार फिर कश्मीर का मुद्दा उठाया। पिछले साल भी, एर्दोआन ने सामान्य चर्चा के लिए अपने पहले से रिकॉर्ड किए गए वीडियो बयान में जम्मू-कश्मीर का जिक्र किया था।

भारत जता चुका है आपत्ति

भारत ने उस वक्त इसे 'पूरी तरह अस्वीकार्य' बताया था और कहा था कि तुर्की को अन्य राष्ट्रों की संप्रभुता का सम्मान करना चाहिए और अपनी नीतियों पर गहराई से विचार करना चाहिए। एर्दोआन ने मंगलवार को सामान्य चर्चा में अपने संबोधन में कहा, 'हम 74 वर्षों से कश्मीर में चल रही समस्या को पार्टियों के बीच बातचीत के माध्यम से और प्रासंगिक संयुक्त राष्ट्र प्रस्तावों के ढांचे के भीतर हल करने के पक्ष में अपना रुख बनाए रखते हैं।'

पाकिस्तान के करीबी सहयोगी तुर्की के राष्ट्रपति उच्च स्तरीय सामान्य चर्चा में अपने संबोधन में बार-बार कश्मीर का मुद्दा उठाते रहे हैं। उन्होंने पिछले साल पाकिस्तान की अपनी यात्रा के दौरान भी कश्मीर का मुद्दा उठाया था। उस समय विदेश मंत्रालय ने कहा था कि एर्दोआन की टिप्पणी न तो इतिहास की समझ और न ही कूटनीति के संचालन को दर्शाती है और इसका तुर्की के साथ भारत के संबंधों पर गहरा असर पड़ेगा। विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत ने पाकिस्तान द्वारा 'स्पष्ट रूप से किए जाने वाले' सीमा पार के आतंकवाद को सही ठहराने के तुर्की के बार-बार के प्रयास को खारिज किया है।

उइगर, रोहिंग्‍या का भी किया जिक्र

तुर्की के राष्ट्रपति ने मंगलवार को अपने संबोधन में शिन्जियांग में चीन के अल्संख्यक मुस्लिम उइगर और म्यांमा के रोहिंग्या अल्पसंख्यकों का भी जिक्र किया। उन्‍होंने कहा कि चीन की क्षेत्रीय अखंडता के परिप्रेक्ष्य में, हम मानते हैं कि मुस्लिम उइगुर तुर्कों के मूल अधिकारों के संरक्षण के संबंध में और अधिक प्रयासों को प्रदर्शित करने की आवश्यकता है।'

तुर्की के राष्‍ट्रपति ने कहा, 'हम रोहिंग्या मुसलमानों की उनकी मातृभूमि में सुरक्षित, स्वैच्छिक, सम्मानजनक वापसी सुनिश्चित करने का भी समर्थन करते हैं, जो बांग्लादेश और म्यांमा में शिविरों में कठिन परिस्थितियों में रह रहे हैं।'