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Ukraine crisis: क्या होता है साइबर युद्ध, जिससे बिना हथियार के ही दुश्मन हो जाता है तबाह

Updated Feb 24, 2022 | 14:16 IST

साइबर युद्ध तकनीक का वह नकारात्‍मक रूप है, जो किसी भी देश को पलभर में बड़ा नुकसान पहुंचा सकता है। रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच यह और भी प्रासंगिक हो गया है, जहां रूस पर पहले से ही यूक्रेन के मंत्रालयों और बैंकों की वेबसाइट पर साइबर हमले का आरोप लगता रहा है।

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तस्वीर साभार:&nbspRepresentative Image
Ukraine crisis: क्या होता है साइबर युद्ध, जिससे बिना हथियार के ही दुश्मन हो जाता है तबाह

What is cyber war: यूक्रेन में रूस की सैन्‍य कार्रवाई के साथ ही युद्ध का औपचारिक आगाज हो चुका है। इस क्रम में चर्चा साइबर हमले की भी हो रही है, जिसे लेकर रूस पर पहले से ही आरोप लगते रहे हैं। तो क्‍या होता है साइबर युद्ध, जिससे बिना हथियार के ही दुश्मन तबाह हो जाता है? सीधे और सरल शब्‍दों में कहा जाए तो यह इंसानों द्वारा नहीं, बल्कि मशीनों द्वारा लड़ी जाने वाली जंग है। 

साइबर युद्ध किसी भी देश पर डिजिटल हमला है, जो परंपरागत युद्ध की तुलना में अधिक नुकसान पहुंचाने वाला होता है। यह किसी भी देश के महत्वपूर्ण कंप्यूटर सिस्टम को बाधित कर सकता है। कई बार यह हैकिंग के जरिये होता है तो कई बार इसके लिए कंप्यूटर वायरस जैसे साधनों का भी इस्‍तेमाल होता है। इसके जरिये बुनियादी ढांचे, संपत्ति या किसी के जीवन को हानि पहुंचाए बिना ही किसी कंप्यूटर नेटवर्क को निशाना बनाया जाता है।

पूरे सिस्‍टम को पंगु बना देता है साइबर अटैक

साइबर युद्ध के जरिये जब किसी कंप्‍यूटर नेटवर्क को निशाना बनाया जाता है तो इसमें रक्षा से संबंधित तमाम जानकारियों के लीक होने का खतरा भी होता है। कई बार रक्षा तंत्र से जुड़ा पूरा सिस्‍टम हो जाता है। रक्षा से जुड़े उपकरण ऐसे होते हैं, जो कंप्‍यूटर के निर्देशों पर काम करते हैं, लेकिन अगर एक बार यह हैकर्स के निशाने पर आ गया तो किसी भी देश के लिए मुश्किल हालात पैदा हो सकते हैं।

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सशस्‍त्र बलों के साथ-साथ बैंकों पर भी साइबर अटैक होते हैं, जिसके जरिये पूरे वित्‍तीय स‍िस्‍टम को ही पंगु बना दिया जाता है। मौजूदा समय में यूक्रेन संकट के बीच भी यह सुर्खियों में है। रूस की सैन्‍य कार्रवाई से पहले यूक्रेन ने आरोप लगाया था कि उसके रक्षा मंत्रालय और सशस्‍त्र बलों के साथ-साथ दो बड़े सरकारी बैंकों की वेबसाइट पर भी हमला हुआ है और इसके पीछे रूस का हाथ हो सकता है।

वेबसाइट्स पर लिखे जाते हैं कई संदेश

जब कभी किसी भी देश के रक्षा व वित्‍तीय प्रतिष्‍ठानों को निशाना बनाया जाता है तो संबंधित वेबसाइट पर कई तरह के 'त्रुटि संदेश' लिखे जाते हैं। यूक्रेन ने जब अपने रक्षा व वित्‍तीय प्रतिष्‍ठानों पर साइबर हमले की जानकारी दुनिया के समक्ष रखी तो बताया कि उसके रक्षा मंत्रालय की वेबसाइट पर 'अंडर टेक्‍नीकल मेंटेनेंस' जैसे संदेश लिखे आए, जबकि बैंकों की वेबसाइट पर ऑनलाइन सेवा बंद होने के संदेश लिखे थे।

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साइबर युद्ध वास्‍तव में तकनीक का नकारात्‍मक पक्ष ही है, जिसमें सॉफ्टवेयर वायरस के इस्‍तेमाल से लेकर हैकिंग तक शामिल है। इसके खतरों को देखते हुए ही हर देश अपने लिए एक साइबर सुरक्षा नीति अपनाता है, जिसका मकसद इलेक्ट्रॉनिक लेनदेन के लिए सुरक्षित माहौल तैयार करना होता है। इसके लिए व्‍यापक, सहयोगात्‍मक और सामूहिक कार्रवाई जरूरी होती है और इसे राष्‍ट्रीय ही नहीं, अंतर्राष्‍ट्रीय स्‍तर पर भी अपनाना होता है।