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चीन से तल्‍खी के बीच अमेरिका ने बनाया 'घातक' फाइटर जेट, सेकेंड्स में दुश्‍मनों को चटा सकता है धूल

Updated Sep 17, 2020 | 17:25 IST

US China tension: चीन से तल्ख होते र‍िश्तों के बीच अमेरिका ने नई पीढ़ी का फाइटर जेट बनाया है। बताया जा रहा है कि यह लेजर हथियार से लैस होगा और दुश्‍मनों के विमानों को कुछ ही सेकेंड में टुकड़े-टुकड़े कर सकता है।

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चीन से तल्‍खी के बीच अमेरिका ने बनाया 'घातक' फाइटर जेट, सेकेंड्स में दुश्‍मनों को चटा सकता है धूल (फाइल फोटो)
मुख्य बातें
  • चीन से बिगड़ते रिश्‍तों के बीच अमेरिका ने नई पीढ़ी का विमान बनाया है
  • बताया जा रहा है कि इसका परीक्षण सफल रहा और इसने उड़ान भी भरी है
  • इसे लेजर तकनीक सहित अत्‍याधुनिक हथियारों से लैस बताया जा रहा है

वाशिंगटन : चीन के साथ बढ़ती तल्‍खी के बीच अमेरिकी वायु सेना द्वारा अगली पीढ़ी के फाइटर जेट के गोपनीय तरीके से निर्माण और परीक्षण की रिपोर्ट सामने आ रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, नेक्‍स्ट जेनेरेशन के फाइटर जेट ने पहली बार उड़ान भी भरी है। हालांकि इस बारे में अब भी विस्‍तृत जानकारी सामने नहीं आई है। लेकिन इस रिपोर्ट के साथ ही विश्लेषक और सैन्य विशेषज्ञ विमानन प्रौद्योगिकी के अगले स्तर को लेकर चर्चा करने लगे हैं, जो हवाई युद्ध में बड़े बदलाव ला सकता है।

अमेरिकी वायु सेना द्वारा अगली पीढ़ी के फाइटर जेट के निर्माण और परीक्षण की रिपोर्ट सबसे पहले इसी सप्‍ताह 'ड‍िफेंस न्‍यूज' द्वारा दी गई। इसमें अमेरिकी एयरफोर्स से जुड़े अधिकारी विल रॉपर के हवाले से कहा गया है कि न्‍यू जेनेरेशन की फाइटर जेट का निर्माण किया गया है और इसने उड़ान भी भरी है। छठी पीढ़ी के इस फाइटर जेट को नेक्‍स्ट जेनेरेशन एयर डोमिनेंस (NGAD) के तौर पर भी जाना जाता है, जो पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान F-22 स्टील्थ जेट को फॉलो करेंगे।

लेजर हथियार से लैस होंगे फाइटर जेट

रक्षा क्षेत्र में यह नई छलांग तकनीकी रूप से उन्नत केवल एक विमान के बारे में नहीं है, बल्कि वास्तव में यह एक पूरी नई प्रणाली को फिर से तैयार करता है, जिसमें मानव रहित और मानव सहित दोनों विमान शामिल हैं। समझा जा रहा है कि बोइंग और लॉकहीड (F-22 के निर्माता) दोनों छठी पीढ़ी के फाइटर जेट के निर्माण की दौड़ में शामिल हैं। छठी पीढ़ी के इन फाइटर जेट्स को 'अब तक का सबसे जटिल सिस्टम निर्मित' लड़ाकू विमानों के रूप में बताया जा रहा है। कुछ रिपोर्ट्स में यह भी कहा जा रहा है कि ये लेजर हथियारों से लैस होंगे।

छठी पीढ़ी के इस फाइटर जेट से जुड़ी योजना पर 8 अरब लॉगर का लागत आने का अनुमान है। इस बीच अमेरिकी नौसेना भी छठी पीढ़ी के लड़ाकू विमानों के अधिग्रहण की इच्‍छा जताई है। हालांकि इस परियोजना के बारे में अभी अधिक जानकारी सामने नहीं आई है, पर विशेषज्ञों का कहना है कि ये विमान ड्रोन और लेजर हथियारों से लैस होंगे। ड्रोन हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों से लैस हो सकते हैं, जो दुश्मन को उलझा सकते हैं या उन्‍हें भ्रमित कर सकते हैं। यह पायलटों को दुश्मन के खतरनाक पोजिशन से बचाने में मदद कर सकता है। इसमें उच्च तकनीक वाले ड्रोन कुछ मुश्किल मिशन को पूरा कर सकते हैं।

सेकेंड्स में शत्रु को बना सकते हैं निशाना

विश्लेषकों का मानना है कि इसमें एक अन्‍य गेम-चेंजर लेजर हथियार हो सकते हैं। इस वक्‍त एफ-35 रासायनिक ऊर्जा बंदूकों का इस्‍तेमाल करता है और विमान के भीतर हथियार, सेंसर और ईंधन की आवश्‍यकता गन मैगजीन के आकार को सीमित करती है। यदि छठी पीढ़ी के फाइटर जेट में लेजर हथियारों को शामिल किया जाता है तो ये विमान के इंजन से ऊर्जा ले सकते हैं। लेजर हथियार दुश्मनों के विमानों को सीधे निशाना बना सकते हैं, कुछ ही सेकेंड के भीतर उन्‍हें आसमान में टुकड़े-टुकड़े कर सकते हैं और दुश्मनों की मिसाइलों को मार गिराने की क्षमता भी रखते हैं।

छठी पीढ़ी के फाइटर जेट्स को अब तक का सबसे घातक लड़ाकू विमान बताया जा रहा है। इसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के इस्‍तेमाल की बातें भी सामने आ रही हैं और कुछ विश्लेषकों का मानना है कि इसके संचालन में AI की अहम भूमिका होगी। इसकी मारक क्षमता जेनेरेशन-5 के फाइटर जेट्स से अधिक होगी, जो लगभग 670 समुद्री मील की दूरी पर है। विशेषज्ञों का कहना है कि एक बार जब छठी पीढ़ी के फाइटर जेट्स आसमान में उड़ान भरेंगे, वायु शक्ति और इसके प्रक्षेपण का भविष्‍य हमेशा के लिए बदल जाएगा।