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Article 370 पर अमेरिकी सांसद ने किया मोदी सरकार का समर्थन, बताया जरूरी कदम

Updated Nov 21, 2019 | 08:59 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

Abrogation of Article 370: अमेरिकी कांग्रेस के सदस्‍य पीट ओल्‍सन ने अनुच्‍छेद 370 पर भारत के फैसले का समर्थन करते हुए कहा कि इससे क्षेत्र में शांति व समानता स्‍थापित करने में मदद मिलेगी।

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तस्वीर साभार:&nbspTwitter
अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के सदस्‍य पीट ओल्‍सन
मुख्य बातें
  • अमेरिकी कांग्रेस के सदस्‍य पीट ओल्‍सन ने अनुच्‍छेद 370 पर भारत के फैसले का समर्थन किया है
  • J&K को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के इस अनुच्‍छेद के अहम प्रावधानों को निरस्‍त कर दिया गया है
  • सरकार ने J&K को दो केंद्र शासित प्रदेशों- जम्‍मू कश्‍मीर और लद्दाख में बांटने का फैसला भी लिया

वाशिंगटन : जम्‍मू एवं कश्‍मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्‍छेद 370 के अहम प्रावधानों को निरस्‍त करने के भारत के फैसले के बाद जहां पाकिस्‍तान में बौखलाहट है, वहीं केंद्र सरकार के इस कदम को दुनियाभर से समर्थन मिल रहा है। दुनिया के देशों ने जहां इसे भारत का आंतरिक मसला माना है, वहीं अमेरिकी कांग्रेस के सदस्‍य ने भी अब भारत के इस फैसले को जायज ठहराया है।

अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के सदस्‍य पीट ओल्‍सन ने अनुच्‍छेद 370 के महत्‍वपूर्ण प्रावधानों को निरस्‍त करने के भारत सरकार के फैसले की सराहना करते हुए कहा कि इस कदम से क्षेत्र में शांति व समानता स्‍थापित करने में मदद मिलेगी। उन्‍होंने कहा कि यह संविधान का अस्‍थाई प्रावधान था, जिसके कारण जम्‍मू-कश्‍मीर के लोगों पर भारत के अन्‍य हिस्‍सों से अलग एक अन्‍य कानून लागू होता था।

उन्‍होंने कहा कि भारतीय संसद ने इस अस्‍थाई प्रावधान को हटाने का फैसला लिया, जिसे संसद के दोनों सदनों में समर्थन मिला। इससे जम्‍मू-कश्‍मीर में जहां शांति स्‍थापित करने में मदद मिलेगी, वहीं यह कदम सभी भारतीयों के लिए समान अवसर देने वाला भी है। टेक्‍सस से अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के रिब्लिकन सदस्‍य ओल्‍सन ने इस मसले पर भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना समर्थन जताया।

यहां उल्‍लेखनीय है कि बीते सप्‍ताह कालम्निस्ट सुनंदा वशिष्‍ठ ने भी कश्‍मीर में मानवाधिकार के मुद्दे पर भारत को कठघरे में खड़ा करने वालों को करारा जवाब दिया था। अमेरिकी कांग्रेस में मानवाधिकारों पर चर्चा के दौरान सुनंदा ने कश्मीरी पंडितों 1990 के दशक में हुए जुल्‍म व अत्याचार को दुनिया के सामने रखा और कहा कि इस्‍लामिक स्‍टेट के खूंखार तौर-तरीकों को पश्चिमी दुनिया आज महसूस कर रही है, पर कश्‍मीरी पंडित उसी तरह की क्रूरता क्षेत्र में तीन दशक पहले भुगत चुके हैं। उन्‍होंने आतंक की कई भयावह घटनाओं का जिक्र किया, जिसे सुनकर लोग हैरान रह गए।