- अमेरिका ने चीन को दिया संदेश दूसरे देशों की संप्रभुता का करे सम्मान
- जो देश कमजोर उनकी बांह मरोड़ने की होती है कोशिश, अमेरिकी रक्षा मंत्री मार्क टी एस्पर का बयान
- भारत की मदद के लिए अमेरिका हमेशा तैयार
नई दिल्ली। चीन के संबंध में अमेरिका की तरफ से बड़ा बयान आया है। अमेरिकी रक्षा मंत्री मार्क टी एस्पर( Mark T Esper) ने कहा कि आप जितने छोटे मुल्क होंगे, आपकी बाह मरोड़ी जाएगी। चीनी सेना पीएलए अपने आसपड़ोस के इलाके में माहौल को अस्थिर कर रहा है। हमारे जंगी जहाज दक्षिण चीन सागर और इंडो पैसिफिक सागर में विश्व यूद्ध 2 के बाद से ही हैं। हम अपने दोस्तों की संप्रभुता का न सिर्फ सम्मान करते हैं बल्कि हिफाजत भी करते हैं।
अमेरिका ने चीन को दिया स्पष्ट संदेश
अमेरिकी रक्षा मंत्री डॉ मार्क टी एस्पर ने एलएसी पर भारत चीन के बीच मौजूदा तनाव पर बोलते हुए कहा कि अमेरिका काफी करीब से निगरानी रख रहा है। यह अच्छी बात है कि दोनों देश एलएसी पर तनाव कम करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। स्थिति पर बोलते हुए। कहते हैं, "हम इसे LAC पर बारीकी से निगरानी कर रहे हैं। दोनों पक्षों को डी-एस्केलेट करने की कोशिश करते देखकर खुशी हुई"उन्होंने यूएसएस निमिट्ज-इंडियन नेवी एक्सरसाइज पर बोलते कहा कि यह दोनों देशों के बीच मजबूत रिश्ते की कहानी बयां करता है। इसके साथ साथ भारत को हरसंभव सहायता करने के लिए अमेरिका तैयार है।
साउथ चीन सागर में चीनी हरकत पर नजर
दक्षिण चीन सागर में चीनी विस्तारवाद के विरोध अमेरिका अपने जंगी जहाजों की तैनाती कर चुका है। कुछ दिनों पहले स्पार्टले आईलैंड के करीब से अमेरिकी जहाज गुजरते हुए यह संदेश देने की कोशिश की चीन की नापाक हरकत का जवाब दिया जाएगा। चीन पर आरोप है कि उसने प्राकृतिक आईलैंड का ना केवल निर्माण किया है बल्कि अपने पड़ोसी मुल्कों की जमीन को भी हथिया लिया। चीन की इस कोशिश पर जापान भी पहले से ऐतराज जताता रहा है।
एलएसी मुद्दे पर अमेरिका भारत के साथ
हाल ही में जब लद्दाख के गलवान घाटी में चीन और भारतीय सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई तो अमेरिका ने स्पष्ट किया कि किसी भी देश को दूसरे देश की सार्वभौमिक आजादी का सम्मान करना चाहिए। चीन दूसरों की जमीन पर कब्जा करने की जो हसरत रखता है उसे छोड़ देना चाहिए। भारत ने जब स्पष्ट किया कि वो दूसरे देशों को सम्मान करता है लेकिन अगर कोई कमतर आंकेगा तो उसका जवाब देना भी जानता है। भारत द्वारा 59 चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगाने के फैसले की न केवल अमेरिका ने सराहना की बल्कि खुद भी उसी दिशा में आगे बढ़ रहा है।