लाइव टीवी

चीनी ऐप पर बैन से अमेरिका खुश, माइक पोंपियो बोले, भारत ने उठाया बोल्ड स्टेप

Updated Jul 01, 2020 | 20:56 IST

भारत में चीनी ऐप बंद किए जाने पर अमेरिका ने तारीफ की है। विदेश मंत्री माइक पोंपियो कहते हैं कि इससे चीन को जो संदेश मिलना चाहिए था मिल चुका है।

Loading ...
माइक पोंपियो , अमेरिकी विदेश मंत्री
मुख्य बातें
  • चीन के 59 ऐप पर भारत ने लगाई पाबंदी, पीएम मोदी वीबो ऐप छोड़ने का किया फैसला
  • भारत सरकार की इस कार्रवाई से अमेरिका खुश
  • विदेश मंत्री माइक पोम्पियो बोले, भारत की संप्रभुता के लिए उठाया गया बेहतर कदम

नई दिल्ली। 15 जून को गलवान में हिंसक झड़प के बाद भारत और चीन में तनाव चरम पर है। पीएम नरेंद्र मोदी ने साफ कर दिया कि अगर भारत दोस्ती निभाना जानता है तो आंखों में आखें डाल कर बात भी करना जानता है। यह बात अलग है कि उनकी तरफ से चीन का नाम नहीं लिया गया। चीन की हिमाकत का जवाब भारत दे रहा है और उसी क्रम में  भारत सरकार की तरफ से 59 चीनी ऐप पर पाबंदी लगाने का फैसला किया है। भारत के इस कदम की अमेरिका ने सराहना की है। 

चीनी ऐप पर बैन, अमेरिका हुआ खुश
अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोंपियो कहते हैं कि भारत ने जिस तरह के क्लीन ऐप अप्रोच को अपनाया है उससे भारत की संप्रभुतास एकता और राष्ट्रीय सुरक्षा और मजबूत होगी। बता दें कि माइक पोंपियो इससे पहले चीन को धुर्त देश तक करार दे चुके हैं। उन्होंने कहा कि चीन की विस्तारवादी नीति से दुनिया खासतौर से पूर्व एशिया और दक्षिण एशिया में स्थिरता प्रभावित हुई है। 

डोनाल्ड ट्रंप पहले ही कर चुके हैं आलोचना
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पहले ही कह चुके हैं कि दक्षिण चीन सागर में जिस तरह चीन अपनी विस्तारवादी नीति को अंजाम दे रहा है, उससे एक बात साफ है वो विश्व को अस्थिर करने की फिराक में है। कोरोना वायरस उसकी देन और जिस तरह से पूरी दुनिया प्रभावित है वो सबके सामने है। अब जिस तरह से चीन अपनी पश्चिमी सीमा यानि भारत के खिलाफ आक्रामक हुआ है वो किसी भी माएने में विश्व समाज के लिए बेहतर नहीं कहा जा सकता है।



रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह एलएसी का करेंगे दौरा
गलवान घाटी में हिंसक झड़प के बाद तनाव को कम करने के लिए बातचीत का दौर जारी है। लेकिन जमीन पर कुछ पुख्ता नजर नहीं आ रहा है। बता दें कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जमीनी हकीकत को समझने और परखने के लिए शुक्रवार को एलएसी का दौरा करेंगे और लेह में घायल जवानों से मिलेंगे। भारत सरकार ने साफ कर दिया है कि विवाद को शांतिपूर्ण तरीके से निपटाने के लिए हम आगे बढ़े हैं। लेकिन किसी की धमकी में नहीं आएंगे