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[VIDEO] कराची में जुमे की नमाज रोकने पर पाक पुलिस को दौड़ाया, घरों में छिपकर पत्थरबाजों से बचाई जान

Updated Apr 04, 2020 | 10:00 IST

पाकिस्तान में कोरोना महामारी के बीच हालात काबू से बाहर होते दिख रहे हैं। यहां नमाज रोकने पर पुलिस ने पत्थर हाथ में लेकर पुलिस को सड़कों पर दौड़ाया।

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पाकिस्तान में पुलिस पर लोगों ने किया हमला
मुख्य बातें
  • कोरोना महामारी के बीच पाकिस्तान में बदतर होते जा रहे हालात
  • जुमे की नमाज रोकने पर लोगों ने पुलिस पर की पत्थरबाजी, वीडियो वायरल
  • सड़कों पर पीछे दौड़ती भीड़ के बीच पुलिसवालों ने एक घर में छिपकर बचाई जान

नई दिल्ली: पाकिस्तान में कोरोना वायरस को लेकर हालात बेकाबू होते जा रहे हैं। संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं जबकि लोग लॉकडाउन का पालन करने को तैयार नहीं हैं और पुलिस पर हमला कर रहे हैं। पाकिस्तान की पुलिस की ओर से सोमवार को कहा गया कि उसके दो अधिकारियों पर शुक्रवार को हमला किया गया। उन्होंने एक साथ नमाज पढ़ रहे लोगों रोकने की कोशिश की थी। सिंध प्रांत में कोरोना वायरस के प्रसार की वजह से जुमे की नमाज के दौरान तीन घंटे तक पूर्ण लॉकडाउन किया गया था।

पुलिस ने कहा कि एक स्थानीय मस्जिद के इमाम ने शुक्रवार को कराची शहर के लियाक़ताबाद क्षेत्र में तीन घंटे के पूर्ण लॉकडाउन के बावजूद नमाज का नेतृत्व किया। उल्लंघन करने पर, पुलिस अधिकारियों ने नमाज को रोकने की कोशिश की, लेकिन यहां लोगों ने पुलिस पर हमला कर दिया। पुलिस ने कहा कि जब उन्होंने उल्लंघन करने वालों को रोकने की कोशिश की तो इमाम ने लोगों को भड़काने का काम किया।

दो पुलिसवालों पर लोगों ने पत्थरों के साथ हमला कर दिया और उन्हें सड़कों पर दौड़ाया। इस बीच पुलिसकर्मियों को एक घर में छिपकर खुद को बचाना पड़ा। कराची में झड़प के बाद इमाम सहित 7 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इन्हें लॉकडाउन के दौरान पुलिसकर्मियों के साथ बदसलूकी और हमला करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।

प्रांतीय अधिकारियों ने 12 से 3:30 बजे तक पूरे सिंध में लॉकडाउन सुनिश्चित करने के लिए कड़े कदम उठाए थे।  जनता को शुक्रवार की नमाज के लिए मस्जिदों में जाने से रोकने और कोरोना महामारी के प्रसार से बचने के लिए उपाय किए गए थे।

गुरुवार रात जारी एक बयान में, सिंध सूचना और स्थानीय सरकार के मंत्री सैयद नासिर हुसैन शाह ने औपचारिक रूप से तालाबंदी की घोषणा की थी। उन्होंने कहा कि लोगों को समूह में नमाज अदा करने से रोकना एक दर्दनाक काम था लेकिन यह कोरोना से बचाव के लिए जरूरी कदम है। गौरतलब है कि पाकिस्तान ने कोरोनो वायरस के 2,400 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं और 35 मौतें हुई हैं।