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Qasem Soleimani: खाड़ी क्षेत्र में स्टार की तरह था कासिम सुलेमानी, जानें क्यों जान के पीछे पड़ा था अमेरिका

Updated Jan 05, 2020 | 12:26 IST

Who was Qasem Soleimani: आईआईएस के खिलाफ सैन्य अभियान और मध्य पूर्व में इस संगठन के सफाए में कासिम सुलेमानी की अहम भूमिका रही है। कई लोगों के बीच इस शख्स की छवि किसी स्टार की तरह रही है।

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तस्वीर साभार:&nbspTwitter
कासिम सुलेमानी (फाइल फोटो)

नई दिल्ली: अमेरिका ने शुक्रवार को इराक की राजधानी बगदाद के हवाई अड्डे पर ड्रोन के मदद से हवाई हमला किया। हवाई हमले में एक ईरानी काफिले की दो गाड़ियों को निशाना बनाया गया जिसमें ईरान का सबसे शक्तिशाली सैन्य कमांडर और खुफिया प्रमुख मेजर जनरल कासिम सुलेमानी और कुछ उच्च सैन्य अधिकारी मौजूद थे। इस हवाई हमले के बाद अमेरिका और ईरान के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है।

ईरान में कासिम सुलेमानी एक बेहद खास शख्सियत था। अमेरिकी हमले में मारे गए ईरान के शीर्ष जनरल के अंतिम संस्कार के जुलूस में हजारों लोग इकट्ठा हुए। सुलेमानी की मौत के बाद इराकी राजधानी में शुरू हुआ जुलूस नजफ शहर तक पहुंच गया था। ईरान की क़ोम मस्जिद पर रविवार शाम को लाल झंडा फहराया गया जिसे युद्ध के ऐलान के तौर पर देखा जा रहा है। यहां जानिए आखिर क्यों थी कासिम सुलेमानी की इतनी अहमियत और अमेरिका क्यों बना उसकी जान का दुश्मन।

कौन था कासिम सुलेमानी: खाड़ी क्षेत्र में सुलेमानी सबसे ताकतवर सैन्य कमांडर था और उसकी क्षमता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उसकी जवाब देही सीधे ईरान के आयतुल्लाह खामेनेई के प्रति थी। साल 1990 में वह करमन प्रांत में रेवोल्यूशनरी गार्ड्स का कमांडर नियुक्त किया गया।

अफगान सीमा पर ड्रग्स की तस्करी रोकने में सुलेमानी का अहम योगदान माना जाता है। ईरानी रेवोल्यूशनरी गार्ड्स की कुद्स फोर्स का सुलेमानी लंबे समय तक कमांडर रहा है। इराक में आईएसआईएस के सफाए में सुलेमानी का अहम योगदान माना जाता है।

मध्य पूर्व में लोकप्रियता: साल 2018 और 2019 में कासिम सुलेमानी का नाम ईरान और खाड़ी क्षेत्र में बेहद  लोकप्रिय रहा है। 2018 में ईरानपोल और मैरीलैंड यूनिवर्सिटी की रायशुमारी को लेकर यह नाम किसी स्टार की तरह उभरा। साल 2018 में उन्होंने लोकप्रियता के मामले में कथित तौर पर राष्ट्रपति हसन रुहानी और विदेश मंत्री मोहम्मद जावेद जरीफ को पीछे छोड़ दिया।

कई लोगों की राय थी कि सुलेमानी को सैन्य पद छोड़कर राजनीतिक मैदान में आना चाहिए। 2019 में ईरान के सर्वोच्च सैन्य सम्मान ‘ऑर्डर ऑफ जुल्फीकार मेडल’से कासिम सुलेमानी को सम्मानित किया गया था। ईरान में उनके लिए रविवार और सोमवार को अंतिम संस्कार सभाएं आयोजित की जाएंगी और इसके बाद सुलेमानी का शरीर उनके गृहनगर करमन में जमीन के सुपुर्द किया जाएगा।

अमेरिका ने घोषित किया था आतंकी: ईरान के टॉप सैन्य कमांडर सुलेमानी को अमेरिका ने आतंकी घोषित कर दिया था और अमेरिका का कहना था कि अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर हुए हमलों की साजिश में सुलेमानी का हाथ रहा है। हवाई हमलों के बाद राष्ट्रपति ट्रंप ने तो यहां तक कहा कि सुलेमानी ने भारत और ब्रिटेन पर भी आतंकी हमले की साजिशें रची हैं।

इजरायल और अमेरिका विरोधी संगठन एक्सिस ऑफ रेजिस्टेंस को बनाने का श्रेय भी उसे दिया जाता है। पश्चिमी देशों का कहना है कि वह हमास और शिया मिलिशिया से ईरान के संबंधों का सूत्रधार था।