नई दिल्ली: अमेरिका को दुनिया में रक्षा जगत का बादशाह माना जाता है। दुनिया की सबसे बड़ी महाशक्ति बन चुका यह देश एक से बढ़कर एक आधुनिक हथियार विकसित कर चुका है। अगर फाइटर जेट की बात करें तो अमेरिका के पास फिलहाल एफ-22 और एफ-35 जैसे दुनिया के सबसे आधुनिक पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान मौजूद हैं और यह पहला और फिलहाल दुनिया का एकलौता ऐसा देश है जो पूरी तरह से पांचवीं पीढ़ी के विमानों को ऑपरेशनल करके लंबे समय से इनका इस्तेमाल कर रहा है।
इस बीच अमेरिकी वायुसेना चौथी पीढ़ी का एक ऐसा विमान खरीदने जा रही है जो साल 1976 में वायुसेना में शामिल किया गया था। इस विमान का नाम है- एफ-15, जिसे बोइंग कंपनी बनाती है। कई लोगों के मन में सवाल उठ सकते हैं कि आधुनिक विमान होने के बावजूद अमेरिका पुराने जेनरेशन का फाइटर जेट क्यों खरीद रहा है जबकि बीते 20 साल से ही अमेरिकी वायुसेना ने चौथी पीढ़ी का कोई विमान नहीं खरीदा है।
एक वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार अमेरिकी एयरफोर्स ने F-15 EX और एफ 10 इंजनों को खरीदने की घोषणा की है। अमेरिकी वायुसेना कम से कम 8 एफ-15 विमान खरीदने जा रही है। वेबसाइट मिलिट्री डॉट कॉम के मुताबिक बोइंग कंपनी ने बीती 7 फरवरी को मौजूदा एफ-15 को आधुनिक बनाने की बात कही है। इसके लिए अमेरिकी कांग्रेस की ओर से 1.05 बिलियन डॉलर की मंजूरी दी थी।
क्या है वजह?: दरअसल अमेरिकी वायुसेना के कई मौजूदा एफ-15 विमान अपना जीवनकाल पूरा कर चुके हैं और रिटायर होने की कगार पर हैं। इनकी जगह पर नए विमानों की जरूरत है इसके लिए एफ-15 एफएक्स विमान खरीदे जा रहे हैं।
चौथी पीढ़ी का विमान इसलिए क्योंकि अमेरिकी एफ-22 रैप्टर विमान की प्रोडक्शन लाइन, लॉकहीड मार्टिन कंपनी बंद की जा चुकी है। बेहद आधुनिक तकनीक से लैस होने की वजह से इस विमान के निर्यात पर पाबंदी है और लंबे समय से कोई नई खरीद नहीं होने की वजह से उत्पादन को बंद करना पड़ा। जिसे चंद विमानों के लिए दोबारा शुरु करना बेहद खर्चीला और मुश्किल काम है।
कई तरह के मिशन करने के लिए बनाया गया एफ-35 विमान एफ-15 की जगह नहीं ले सकता क्योंकि एफ-15 खास तौर पर हवाई लड़ाई के लिए तैयार किया गया था और इसे एफ-35 से नहीं बदला जा सकता। इसके अलावा पांचवीं पीढ़ी के दोनों अमेरिकी विमानों एफ-22 और एफ 35 के मुकाबले एफ-15 को खरीदना व संचालित करना ज्यादा सस्ता है।