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यूक्रेन के खिलाफ क्या पुतिन वास्तव में परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करेंगे, बड़ा सवाल बड़ा नजरिया

Updated Mar 01, 2022 | 08:40 IST

रूस और यूक्रेन में तनातनी बरकरार है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने परमाणु हथियारों को सक्रिय करने का आदेश भी दिया है। ऐसे में सवाल यह है कि क्या वो वास्तव में वो इन विनाशक हथियारों का इस्तेमाल कर पाएंगे या सिर्फ यूक्रेन को डराना ही मकसद है।

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यूक्रेन के खिलाफ क्या पुतिन वास्तव में परमाणु हथियारों का इस्तेमाल करेंगे, बड़ा सवाल, बड़ा नजरिया
मुख्य बातें
  • पुतिन ने परमाणु हथियारों को सक्रिय करने के निर्देश दिए हैं।
  • रूस और यूक्रेन के बीच लड़ाई जारी
  • दुनिया के कई मुल्कों को पुतिन के इस रुख से हो रही है चिंता

रूस और यूक्रेन के बीच लड़ाई जारी है। इस लड़ाई के दौरान रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने परमाणु हथियारों को सक्रिय करने के निर्देश जारी किए हैं। उनके इस कदम से लोग डरे हुए हैं। यूएन के सेक्रेटरी जनरल भी अपनी चिंता जाहिर कर चुके हैं। उनका कहना है कि दूसरे विश्व युद्ध के दौरान परमाणु हमले के दंश को आज भी हम झेल रहे हैं। रूस को एक जिम्मेदार नागरिक के तौर पर व्यवहार करना चाहिए। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि क्या पुतिन का यह कदम यूक्रेन को सिर्फ डराने के लिए है या वो वास्तव में न्यूक्लियर हथियारों का इस्तेमाल करने से नहीं चूकेंगे।

ब्रिटेन के रक्षा सचिव का यह है नजरिया
ब्रिटेन के रक्षा सचिव बेन वालेस ने कहा कि ब्रिटेन पुतिन द्वारा इस्तेमाल किए गए शब्दों को मान्यता नहीं देता है। "यह एक शब्द नहीं है जो उनके सिद्धांत में है। उन्होंने कहा, यह कदम पश्चिम को डराने और "दुनिया को याद दिलाने के लिए बनाया गया था कि उसे एक निवारक मिल गया है और यह व्याकुलता थी कि पश्चिम यूक्रेन में सफलता की कमी के बजाय इसके बारे में बात कर रहा था। 
रक्षा सचिव ने यह भी चेतावनी दी कि रूस सैद्धांतिक रूप से यूक्रेन के खिलाफ लड़ाई में तथाकथित सामरिक परमाणु हथियारों का इस्तेमाल कर सकता है। लेकिन इसकी अभी भी संभावना नहीं है। बेसिक थिंकटैंक के सह-निदेशक सेबेस्टियन ब्रिक्सी-विलियम्स ने कहा कि वे हिरोशिमा और नागासाकी बमों जितने शक्तिशाली हो सकते हैं। लेकिन ज्यादातर लोग कहते हैं कि गैर-रणनीतिक परमाणु हथियार जैसी कोई चीज नहीं होती है।

रूस के रुख में अब कितना बदलाव

क्रेमलिन से ही सोमवार को एक संकेत मिला था कि उसका बयान मुख्य रूप से उच्च दांव वाली कूटनीति का एक रूप था। क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा कि यह निर्णय विभिन्न पश्चिमी चेतावनियों के जवाब में आया है । नाटो और रूस के बीच टकराव और संघर्ष हो सकते हैं। उन्होंने आगे कहा कि मैं इन बयानों को देने वालों को नाम से नहीं बुलाउंगा।  रुसी थिंकटैंक के एक परमाणु विशेषज्ञ मैथ्यू हैरिस ने कहा कि बयान एक अलग तरह की चेतावनी थे। पहली बार में, साधारण धमकी थी कि हम आपको चोट पहुंचा सकते हैं और हमसे लड़ना खतरनाक है।  पश्चिम देशों को भी संदेश है कि आप यूक्रेन को जिस रफ्तार से हथियार दे रहे हैं उससे आगे मत बढ़िए। यह हो सकता है कि रूस यूक्रेन में और आक्रामक होने की योजना पर काम कर रहा हो ताकि पश्चिमी देशों के दखल को रोका जा सके। 

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