दुबई : सऊदी अरब में तेल की दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी के दो संयंत्रों में शनिवार तड़के ड्रोन से हमला किया गया, जिससे विश्व को तेल की आपूर्ति करने वाले केंद्र में भयंकर आग लग गई। अब्कैक और खुरैस तेल संयंत्र में हमलों की जिम्मेदारी यमन में ईरान के समर्थक हुती विद्रोहियों ने ली है। समूह के अल-मसीरा टीवी ने यह जानकारी दी है। अल-मसीरा ने कहा कि विद्रोहियों ने '10 ड्रोन विमानों के साथ बड़ा अभियान छेड़ा और इस दौरान पूर्वी सऊदी अरब में अबकैक और खुराइस में रिफाइनरियों को निशाना बनाया गया।'
अभी यह स्पष्ट नहीं है कि हमलों में कोई घायल हुआ है या नहीं और न ही तेल उत्पादन पर असर का पता लगा है। इस हमले से विश्व शक्ति के साथ परमाणु समझौते को लेकर अमेरिका और ईरान के आमने-सामने होने के बीच तनाव बढ़ने की संभावना है। अब्कैक में फिल्मायी ऑनलाइन वीडियो में पीछे से गोलियां चलने की आवाज सुनाई दे रही हैं और संयंत्र से उठ रही लपटें दिखाई दे रही हैं।
सरकारी सऊदी प्रेस एजेंसी ने गृह मंत्रालय के एक बयान के हवाले से बताया कि ड्रोन द्वारा निशाना बनाए जाने के बाद आग लगी। उसने बताया कि हमले की जांच चल रही है। सऊदी अराम को सऊदी अरब की राष्ट्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस कंपनी है। यह राजस्व के मामले में दुनिया की कच्चे तेल की सबसे बड़ी कंपनी है।
गौरतलब है कि अरामको को आतंकवादी निशाना बनाते रहे हैं। अल-कायदा के आत्मघाती विस्फोटकों ने फरवरी 2006 में इस तेल कंपनी पर हमला करने की कोशिश की थी, लेकिन वे नाकाम रहे थे। हालांकि, अभी किसी समूह ने हमलों की जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन यमन के हूती विद्रोहियों पर हमले करने का संदेह है।