- चीन तिब्बत के इस इलाके में ट्रकों के जरिए लाया है भारी मशीनरी
- सैन्य अभ्यास वाली जगह 150 इमारतें और उतने की टेंट आ रहे हैं नजर
- रॉकेट लॉन्चर, निगरानी रखने वाले उपकरण का कर रहा है इस्तेमाल
नई दिल्ली: चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। टकराव वाली कुछ जगहों पर सहमति के बाद भारतीय और चीनी सेना भले ही कुछ पीछे हटी हों लेकिन चीन के इरादे नेक नहीं लगते, वो भारत से लगे बॉर्डर पर हैवी मिलिट्री डिप्लॉयमेंट के सैन्य अभ्यास कर रहा है। चीन का ये सैन्य अभ्यास लद्दाख से लगे वेस्टर्न तिब्बत के रुतोग में किया जा रहा है। इस युद्धाभ्यास (Chinese Military Drill) में चीन के कई हजार सैनिक शामिल हो रहे हैं जिसमें भारी हथियारों का इस्तेमाल किया जा रहा है।
इससे पहले भी कर चुका है युद्धाभ्यास
लद्दाख के बॉर्डर के उस पार चीन ये जमावड़ा मई के दूसरे हफ्ते से नज़र आ रहा है। चीन तिब्बत के इस इलाके में ट्रकों के जरिए भारी मशीनरी को लाया है जिसमें रॉकेट लॉन्चर से लेकर निगरानी रखने वाले उपकरण तक शामिल हैं। सैन्य अभ्यास वाली जगह पर बड़ी संख्या में टेंट और इमारतें नजर आ रही हैं। उसने पहले मई से लेकर जुलाई-अगस्त तक सैन्य अभ्यास किया। चीन अब सितंबर में फिर से युद्ध अभ्यास कर रहा है। वहीं चीन पैंगोंग त्सो झील के उत्तरी किनारे की तरफ भी युद्ध अभ्यास कर रहा है जिसमें बड़ी संख्या में गाड़ियां शामिल हैं।
अरुणाचल में भी सतर्क है भारत
खबर के मुताबिक, "स्नोफील्ड ड्यूटी-2021" के नाम से जाने जाने वाले अभ्यास में पीएलए तिब्बत सैन्य कमान से संबंधित दस ब्रिगेड और रेजिमेंट शामिल थे। ड्रिल में नवीनतम हथियार और उपकरण शामिल थे जिसमें पीएलए सैनिकों ने 4,500 मीटर की ऊंचाई पर अभ्यास किया था। आपको बता दें कि लद्दाख से सटे इलाके में चीन के सैन्य अभ्यास पर जहां भारत की नजर है वहीं अरुणाचल में चीन से लगी LAC पर इस्टर्न आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल मनोज पांडे ने खुद जाकर हालात का जायजा लिया है।