- इमरान खान की पीओके के पूर्व पीएम ने खोली पोल
- कश्मीर के लिए आने वाले फंड का किया दुरुपयोग
- कश्मीर के नाम पर इस्लामाबाद ने सिर्फ राजनीति की
इमरान खान अब सत्ता से बाहर हैं। उन्होंने पाकिस्तान के युवाओं से अपील की है कि सोशल मीडिया के जरिए वो भ्रष्टाचारियों के खिलाफ अलख जगाएं। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि जब तक वो सरकार में थे उतने खतरनाक नहीं थे। लेकिन अब वो ज्यादा खतरनाक हो गए हैं। सत्ता में रहते हुए इमरान खान खर्च पर लगाम लगाने के लिए तरह तरह के उपायों की बात किया करते थे। कुछ उपाय भी किए। लेकिन इन सबके बीच उनकी शाहखर्ची चर्चा में रही। अब सवाल यह है कि इमरान खान सरकारी खर्च पर कंट्रोल की तरह तरह की बातें किया करते थे तो शाहखर्ची के लिए व्यवस्था कहा से करते थे। इस सवाल का जवाब और कोई नहीं बल्किल पाक अधिकृत कश्मीर के पूर्व पीएम ने कहा कि कश्मीर के लिए जो फंड आता था उसका वो दुरुपयोग किया करते थे। पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के प्रधानमंत्री सरदार अब्दुल कय्यूम नियाज़ी ने सत्तारूढ़ पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी में उनके खिलाफ विद्रोह के बाद इस्तीफा दे दिया है। पीटीआई के प्रमुख इमरान खान द्वारा चुने गए नियाज़ी ने बृहस्पतिवार को इस्तीफा दे दिया। पार्टी के क्षेत्रीय अध्यक्ष सरदार तनवीर इलियास के समक्ष पार्टी के 25 सांसदों ने उन्हें बदलने के लिए अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था।
इमरान पर भड़के दिग्गज नेता
पीओके के पूर्व पीएम अब्दुल कय्युम निजाामी ने बताया कि कश्मीर के नाम पर खेल चल रहा है। कश्मीर के लिए जो फंड आता था उसका बेजा इस्तेमाल इमरान खान किया करते थे। पाकिस्तान के निजाम ने हमेशा सौतेला व्यवहार किया। कश्मीर के नाम पर लोगों को धोखा दिया जाता रहा है। इसके साथ ही पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के 25 बड़े नेताओं ने इस्तीफा दे दिया है। कय्युम निजामी ने बताया कि कश्मीर के लोग अमन पसंद रहे हैं वो विकास चाहते हैं कि लेकिन आज तक क्या हुआ। बेबसी और लाचारी का आलम है लेकिन इस्लामाबाद को परवाह नहीं है।
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नियाज़ी ने 14 अप्रैल को भेजे इस्तीफे में लिखा कि संविधान के अनुच्छेद 16 (1) के तहत, ‘‘ मैं, प्रधानमंत्री के अपने पद से इस्तीफा देता हूं।’’
उन्होंने यह इस्तीफा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के राष्ट्रपति सुल्तान महमूद चौधरी को भेजा।समाचार पत्र ‘डॉन’ की खबर के अनुसार, राष्ट्रपति मामलों के सचिव डॉ. आसिफ हुसैन शाह ने चौधरी द्वारा नियाज़ी का इस्तीफा स्वीकार करने की पुष्टि की और बताया कि औपचारिक अधिसूचना जारी करने के लिए इसे मुख्य सचिव के पास भेज दिया गया है।
नियाज़ी ने बृहस्पतिवार को इस्लामाबाद में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि अविश्वास प्रस्ताव में उनके खिलाफ ‘‘निराधार आरोप’’ लगाए गए हैं।
नियाज़ी पिछले साल पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के प्रधानमंत्री बने थे, जब पीटीआई ने चुनाव में सदन की 53 सीटों में से 32 पर जीत हासिल की थी।
भारत ने पीओके में चुनाव को ‘‘महज दिखावा’’ करार देते हुए खारिज कर दिया था और कहा था कि यह पाकिस्तान की ‘‘ उसके अवैध कब्जे को छिपाने की कोशिश है। पीओके में चुनाव पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा था कि पाकिस्तान का ‘‘इन भारतीय क्षेत्रों पर कोई अधिकार नहीं है’’ और उसे उन सभी भारतीय क्षेत्रों को खाली करना चाहिए, जहां उसने अवैध कब्जा कर रखा है।