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इमरान खान ने की संसद भंग करने की सिफारिश, अवाम से कहा- आप करें भविष्‍य का फैसला

Updated Apr 03, 2022 | 14:15 IST

पाकिस्‍तान में इमरान खान ने राष्‍ट्रपति से संसद भंग करने की अनुशंसा की है। उन्‍होंने जनता से कहा कि मुल्‍क की तकदीर आप तय करें। इससे पहले नेशनल असेंबली के सत्र की अध्‍यक्षता कर रहे डिप्‍टी स्‍पीकर कासिम सूरी ने प्रधानमंत्री के खिलाफ लाए गए अविश्‍वास प्रस्‍ताव को असंवैधानिक करार देते हुए इसे खारिज कर दिया।

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इस्‍लामाबाद : पाकिस्‍तान में इमरान खान ने बड़ा दांव चलते हुए अपनी कुर्सी फिलहाल बचा ली है। उनके खिलाफ विपक्ष की ओर से नेशनल असेंबली में लाए गए अविश्‍वास प्रस्‍ताव पर आज मतदान होना था, लेकिन आज के सत्र की अध्‍यक्षता कर रहे डिप्टी स्पीकर कासिम सूरी ने वोटिंग से पहले ही अविश्वास प्रस्ताव को असंवैधानिक बताते हुए इसे खारिज कर दिया। उन्‍होंने प्रस्‍ताव को संविधान के अनुच्छेद 5 के खिलाफ बताया और कहा कि 'विदेशी ताकतें' इस मुल्‍क की किस्‍मत तय नहीं कर सकती। इसके तुरंत बाद इमरान खान ने देश को संबोधित किया और कहा कि वह देश में नए सिरे से चुनाव चाहते हैं और उन्‍होंने राष्‍ट्रपति आरिफ अल्‍वी से संसद भंग करने की अनुशंसा कर दी है। इमरान खान नेशनल असेंबली में नहीं पहुंचे थे, बल्कि प्रस्‍ताव खारिज होने के तुरंत बाद उन्‍होंने पीएम हाउस से देश की अवाम को संबोधित किया।

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इमरान खान ने कहा कि उनकी सरकार को अपदस्‍थ करने का विदेशी एजेंडा फेल हो गया है। कौम को मुबारकबाद देत हुए उन्‍होंने कहा कि आप चुनाव की तैयारी करें। उन्होंने कहा, 'अवाम चुनाव की तैयारी करे। किसी और को इस देश का भविष्य तय करने का अधिकार नहीं है, बल्कि यहां के लोग इसे तय करेंगे।' उन्‍होंने कहा, 'आज स्पीकर ने जो अविश्वास प्रस्ताव को खारिज किया है, उसके लिए मैं पूरी कौम को मुबारकबाद देता हूं। कल से सब परेशान थे, मुझसे पूछ रहे थे, मैं उनसे कहना चाहता हूं कि घबराना नहीं है। आज स्पीकर ने जो अपनी संवैधानिक शक्ति का इस्तेमाल कर फैसला लिया है, उसके बाद मैंने राष्ट्रपति को अनुशंसा भेज दी है कि वह संसद को भंग करें।'

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इमरान खान के इस संबोधन के तुरंत बाद पाकिस्‍तान के सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने कहा कि नेशनल असेंबली को भंग करने की प्रधानमंत्री की अनुशंसा संविधान के अनुच्छेद 58 के तहत राष्ट्रपति डॉ आरिफ अल्वी को भेजी गई है। एक अलग ट्वीट में उन्होंने कहा कि कैबिनेट भंग कर दी गई है, लेकिन संविधान के अनुच्छेद 224 के तहत इमरान खान अपने पद पर बने रहेंगे। संविधान का यह अनुच्‍छेद पाकिस्‍तान में चुनाव और उपचुनाव से संबंधित है। इसके अनुसार, नेशनल असेंबली भंग होने के बाद राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और विपक्ष के नेता के परामर्श से एक कार्यवाहक प्रधानमंत्री की नियुक्ति करते हैं। लेकिन नेशनल असेंबली में आज जो कुछ भी हुआ, उससे विपक्ष आर या पार के मूड में है। इसे देखते हुए नहीं कहा जा सकता कि विपक्ष इमरान खान के प्रधानमंत्री बने रहने पर राजी होगा, बल्कि विपक्ष ने पहले ही नेशनल असेंबली के डिप्‍टी स्‍पीकर द्वारा अविश्‍वास प्रस्‍ताव को खारिज करने को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की बात कही है। इस बीच पाकिस्‍तान के सूचना व प्रसारण राज्य मंत्री फारुख हबीब ने कहा है कि देश में चुनाव 90 दिनों के भीतर कराए जाएंगे।