- लंदन में किसानों के समर्थन में आयोजित रैली बनी भारत विरोधी एजेंडे का मंच,
- इस विरोध प्रदर्शन में खालिस्तानी आतंकी परमजीत सिंह पम्मा आया नजर
- NIA की मोस्ट वांटेड सूची में शामिल परमजीत सिंह पम्मा ने लगाए भारत विरोधी नारे
लंदन: भारत में चल रहे किसान आंदोलन को अब विदेशों से भी समर्थन मिल रहा है। किसानों के समर्थन में रविवार को लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग के बाहर तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ आयोजित प्रदर्शन भारत विरोधी एजेंडे का मंच बन गया जहां खालिस्तानी आतंकी भी नजर आए। इस प्रदर्शन के दौरान स्कॉटलैंड यार्ड पुलिस ने कई लोगों को गिरफ्तार किया।स्कॉटलैंड यार्ड ने भारतीय उच्चायोग के बाहर ब्रिटेन के अलग-अलग हिस्सों से प्रदर्शनकारियों के जमा होने से पहले चेतावनी दी थी।
लंदन में भारतीय उच्चायोग के विश्वेश नेगी ने कहा, 'जल्द ही यह स्पष्ट हो गया कि इस प्रदर्शन का नेतृत्व भारत विरोधी अलगाववादियों द्वारा किया गया था जिन्होंने भारत में किसान विरोध प्रदर्शन के समर्थन की आड में अपने स्वयं के भारत विरोधी एजेंडे को आगे बढ़ाने का काम किया।'
खालिस्तानी परमजीत सिंह पम्मा भी नजर आया
भारतीय उच्चायोग ने कहा कि विरोध प्रदर्शनों का नेतृत्व भारत विरोधी अलगाववादियों ने किया, जिन्होंने प्रदर्शन के दौरान भारत विरोधी और किसान विरोधी नारे भी लगाए। टाइम्स नाउ को पता चला है कि विरोध प्रदर्शन के दौरान खालिस्तानी आतंकवादी परमजीत सिंह पम्मा भी मौजूद था और भारत विरोधी नारेजबाजी कर रहा था। विरोध प्रदर्शनों में यह खालिस्तानी आतंकवादी नीली जैकेट पहने हुए नजर आया। पम्मा को 2018 में इंटरपोल द्वारा जारी रेड कॉर्नर नोटिस के तहत पुर्तगाल में गिरफ्तार किया गया था। हालांकि, पुर्तगाल ने पम्मा के प्रत्यर्पण के लिए भारत के अनुरोध को ठुकरा दिया और बाद में उसे छोड़ दिया गया।
पम्मा इन मामलों में है वांछित
पम्मा पंजाब के पटियाला और अंबाला में 2010 में हुए विस्फोटों और 2009 में आरएसएस के एक कार्यकर्ता की हत्या के सिलसिले में वांछित आंतकवादी है औऱ एनआईए के मोस्ट वांटेड की सूची में शामलि है। पम्मा के सिखों के लिए प्रतिबंधित समूह, जैसे जस्टिस (एसजेएफ) के साथ जुड़े होने का भी संदेह है, जिनके बारे में यह माना जाता है कि उसे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई द्वारा फंड दिया जाता है।
भारत विरोध अलगावादी कर रहे थे जमावड़े का नेतृत्व
भारतीय उच्चायोग के एक प्रवक्ता ने कहा कि यह जल्द स्पष्ट हो गया कि लोगों के जमवाड़े की अगुवाई भारत विरोधी अलगाववादी कर रहे थे जिन्होंने भारत में किसानों के प्रदर्शन का समर्थन करने के नाम पर भारत विरोधी अपना एजेंडा चलाया। उन्होंने कहा कि प्रदर्शन भारत का आंतरिक मामला है और भारत सरकार प्रदर्शनकारियों से बात कर रही है।