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तालिबान ने 4 महीने में अफगानिस्तान पर इस तरह कर लिया अपना कब्जा, यहां समझें कैसे बदलते गए हालात

Updated Aug 15, 2021 | 18:41 IST

Taliban News: अफगानिस्तान में तालिबान का राज कायम हो रहा है। अमेरिकी सेना के जाते ही तालिबान ने एक के बाद एक जिले पर कब्जा करना शुरू कर दिया और अब वो काबुल तक पहुंच गया है। जल्द ही उसकी सरकार बन जाएगी।

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मुख्य बातें
  • तालिबान का काबुल में प्रवेश, सत्ता के 'शांतिपूर्ण हस्तांतरण' का इंतजार
  • तालिबान ने अपने आक्रमण को तेज करते हुए देश के बड़े हिस्से पर कब्जा जमा लिया
  • अफगान सुरक्षा बलों ने बगराम हवाई ठिकाने को तालिबान के हवाले किया

अफगानिस्तान पर लगभग तालिबान का कब्जा हो गया है। अमेरिकी सैनिकों ने अफगानिस्‍तान क्‍या छोड़ा, 4 महीने में तालिबानी काबुल तक पहुंच गए हैं। काबुल के चारों तरफ तालिबानी मौजूद हैं। वहीं इस बीच अफगानिस्तान के गृह मंत्री अब्दुल सत्तार मिर्जाकवल ने कहा है कि तालिबान के लड़ाके काबुल पर हमला कर नहीं घुसेंगे और सत्ता का शांतिपूर्ण हस्तांतरण होगा। तालिबान की तरफ से भी बयान में लगभग यही बात कही गई। इससे पहले तालिबान के लड़ाकों ने काबुल को छोड़कर लगभग सभी शहरों पर कब्‍जा कर लिया है। 

एक-एक कर 267 जिलों पर कब्जा करते हुए तालिबान काबुल के हर गेट पर पहुंच गया है। अफगानिस्तान की राजधानी को चारों तरफ से घेर लिया है। लेकिन सवाल ये है कि क्‍या काबुल पर कब्‍जे के लिए खून बहेगा या कोई दूसरा रास्‍ता निकल सकता है। ये सवाल इसलिए भी कि तालिबान ने बकायदा एक बयान जारी कर शांतिपूर्ण तरीके से बदलाव की बात कही है। उसने लड़ाकों से काबुल के गेट पर ही रहने को कहा है। वहीं काबुल के अंदर एक अलग तरह की बेचैनी है। सड़कों पर सेना की गाड़ि‍यां हैं। शहर में खौफ और दहशत का साया है। लोग जान बचाने के लिए भाग रहे हैं। पर कुछ ऐसे हैं, जिनके पास भागने का विकल्प नहीं।

अमेरिकी सैनिकों के अफगानिस्‍तान छोड़ने के बाद तालिबान ने बेहद तेजी से देश पर कब्‍जा किया है। शनिवार की रात मजार-ए-शरीफ तो इतवार की सुबह उसने नंगरहार की राजधानी जलालाबाद पर आतंक का झंडा फहरा दिया। अफगानिस्तान का ये वो इलाका है, जो सड़क के रास्‍ते पाकिस्‍तान से जुड़ा है। 

इस तरह कब्जा करता गया तालिबान

अब अब तारीख और महीने के घटनाक्रम से बताते हैं कि कैसे अफगानिस्‍तान से अमेरिका के जाते ही तालिबान आ गया। अप्रैल में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने ऐलान किया कि अ‍मेरिकी सैनिक लौटेंगे। मई में तालिबान ने हेलमंद सूबे पर हमला किया। जून में 370 में से 50 पर तालिबान का कब्‍जा हुआ। 21 जुलाई तक आधे जिलों पर तालिबान का कब्‍जा हुआ। 6 अगस्‍त को नीमरूज सूबे की राजधानी जरंज पर कब्‍जा किया। 13 अगस्‍त को कंधार समेत 4 सूबों की राजधानी कब्‍जे में हुईं। 14 अगस्‍त को मजार-ए-शरीफ पर तालिबान का कब्‍जा हुआ। 15 अगस्‍त को जलालाबाद पर कब्‍जा किया और काबुल को घेरा। तालिबान ने पूरे अफगानिस्‍तान में पैर पसारे हैं। ऐसा लगता है कि जैसे वो तैयारी में बैठा रहा हो कि अमेरिका जाए और वो अफगानिस्‍तान पर फि‍र से अपनी हुकूमत कायम कर ले। वहीं तालिबान ने अफगानिस्‍तानी सेना के निजामुद्दीन कैसरी को जिंदा पकड़ लिया है।  

अपने नागरिकों को निकाल रहा अमेरिका

इस बीच अमेरिका अपने लोगों को जल्‍द से जल्‍द निकालने की कोशिश में है। इतवार सुबह से अमेरिकन एंबेसी के पास चिनूक हेलीकॉप्‍टर उड़ते देखे गए। अमेरिका ने अपने 5 हजार सैनिक भेजे हैं ताकि आखिर में बचे 50 लोगों को निकाला  जा सके। अमेरिका और उसकी सेना अफगानिस्तान से निकल चुकी है। अपने नागरिकों को रेस्क्यू कर रही है, लेकिन अफगानिस्तानियों को उसने उनकी हाल पर छोड़ दिया है। जो काम अमेरिका कर रहा है, वही ब्रिटेन भी। उसने भी 600 सैनिकों को भेजकर अपने नागरिकों को निकाल लिया है।