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Taliban Latest News: अफगानिस्तान में तालिबान राज ! मौजूदा राष्ट्रपति अशरफ गनी के बयान को समझिए

Updated Aug 14, 2021 | 17:02 IST

पूरा अफगानिस्तान अब किसी भी समय पूरी तरह तालिबान के हाथ में जा सकता है। इन सबके बीच अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने जो बयान दिया है उसे समझना जरूरी है।

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मुख्य बातें
  • अशरफ गनी बोले- देश गंभीर अस्थिरता के दौर से गुजर रहा है
  • देश पर किसी तरह का युद्ध नहीं थोपेंगे जिसकी वजह से निर्दोषों की मौत हो
  • अफगानिस्तान के ज्यादातर हिस्सों पर तालिबान का कब्जा, काबुल को कभी भी कर सकते हैं अपने कब्जे में

अफगानिस्तान के ज्यादातर हिस्सों पर तालिबान का कब्जा हो चुका है और बताया जा रहा है कि काबुल भी जल्द ही उसके कब्जे में हो जाएगा। इसका अर्थ यह कि अफगानिस्तान पर तालिबान राज हो जाएगा। इन सबके बीच राष्ट्रपति अशरफ गनी के बयान पर गौर करना चाहिए। एक तरफ वो कहते हैं कि देश गंभीर तौर पर अस्थिरता के दौर से गुजर रहा है तो दूसरी तरफ वो कह रहे हैं कि वो अफगानी लोगों के लिए किसी तरह का युद्ध नहीं थोपेंगे। 

अशरफ गनी के बयान के मायने
मौजूदा स्थिति में, अफगान सुरक्षा और रक्षा बलों को फिर से संगठित करना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि आपके अध्यक्ष के रूप में मेरा ध्यान लोगों की अस्थिरता, हिंसा और विस्थापन को रोकने पर है। मैं आगे हत्याओं, पिछले 20 वर्षों के लाभ की हानि, सार्वजनिक संपत्ति के विनाश को लाने के लिए अफ़गानों पर थोपे गए युद्ध की अनुमति नहीं दूंगा। सवाल यह कि अशरफ गनी के इस बयान का मतलब क्या है। क्या उन्हें ऐसा लग रहा है कि अब उन्हें किसी समय गद्दी छोड़नी पड़ सकती है। इस संबंध में जानकारों की राय को समझना भी जरूरी है।

क्या कहते हैं जानकार
अशरफ गनी के बयान के बारे में जानकार कहते हैं कि सबसे पहले अमेरिकी रुख को समझना जरूरी है। अमेरिका साफतौर पर कह चुका है कि उसकी जिम्मेदारी अपने नागरिकों को सुरक्षित निकालने की है। इसके साथ ही तालिबान के बढ़ते प्रभाव के बीच अमेरिका ने यह भी कहा कि अब इस केस में राजनीतिक समझौता ही एक रास्ता है, इसका अर्थ यह है कि अशरफ गनी को संदेश दिया गया कि वो तालिबान के साथ बातचीत कर रास्ता निकालें। लेकिन जिस तरह से बिना किसी सरकारी विरोध के तालिबान कब्जा जमाता चला गया उस हालात में साफ है कि मौजूदा सरकार को सिर्फ कहने के लिए नियंत्रण है। अब जबकि गनी कह रहे हैं को वो देश पर किसी तरह का युद्ध नहीं थोपना चाहते तो मतलब साफ है कि वो तालिबान के खिलाफ आक्रामक अंदाज में लडा़ई नहीं लड़ने जा रहे हैं।