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आलोक कुमार रावआलोक कुमार राव

आलोक कुमार राव

करीब 20 सालों से पत्रकारिता के पेशे में काम करते हुए प्रिंट, एजेंसी, टेलीविजन, डिजिटल के अनुभव ने समाचारों की एक अंतर्दृष्टि और समझ विकसित की है। इस समझ को विकसित करने, गढ़ने और निखारने में कई मीडिया संस्थानों एवं अनुभवी संपादकों-पत्रकारों का योगदान रहा है। साल 2004-06 के बैच में माखन लाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय (MCRPV)से युवा पत्रकार के रूप में निकला। पेशे का पहला ब्रेक हिंदी बेल्ट में नहीं दक्षिण के महाराष्ट्र में मिला। राठवाड़ा के औरंगाबाद से निकलने वाले दैनिक हिंदी लोकमत समाचार से पारी की शुरुआत हुई। यहां के अहमदनगर, जालना, नांदेड़ जैसे डाक एडिशन में काम करते हुए खबरों की बुनियादी समझ और भाषाई संस्कार विकसित हुई।यहां से निकलने के बाद नवाबों के शहर लखनऊ आ पहुंचा। नए अखबार डेली न्यूज एक्टिविस्ट की लॉन्चिंग टीम का हिस्सा बना। यहां सूबे में 2007 सत्ता परिवर्तन का साल था। बहन जी यानी मयावाती ने जबर्दस्त वापसी की। यहां एक खांटी पत्रकार बनने के लिए जरूरी और गैर जरूरी सभी आदतें यहीं से परवान चढ़नी शुरू हुईं। सत्ता का रास्ता जैसे यूपी यानी लखनऊ से दिल्ली आता है, उसी तरह से देश की राजधानी में मेरा भी आगमन हुआ। पत्रकारिता का हब कहे जाने वाले दिल्ली में कुछ दिन टीवी 100 में गुजरे जहां उत्तराखंड के बारे में जानने-समझने का मौका मिला। फिर दिल्ली, हरियाणा और पंजाब के लिए समर्पित अखबार आज समाज में भी करीब डेढ़ साल गुजारे।​​अब तक मोटे तौर पर अखबारों तक सीमित रहे मुझ जैसे जर्नलिस्ट के लिए राष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय घटनाक्रमों पर अपने अनुभव एवं समझ का दायरा बढ़ाने का एक बड़ा मौका समाचार एजेंसी इंडो-एशियन न्यूज सर्विस (IANS) से मिला। IANS में काम करते हुए लेखन की गंभीरता, तथ्यों की पड़ताल और भाषाई शुद्धता को जज्ब करते हुए राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय घटनाक्रमों को गहराई एवं व्यापक रूप से देखने-समझने का अवसर मिला।जून 2012 में डिजिटल न्यूज का हिस्सा बना। यहां टुकड़ों में चलने वाली अपनी पारी को जी न्यूज हिंदी डॉट कॉम में करीब 5 साल का विराम मिला। टीवी और डिजिटल में तालमेल बिठाते हुए ऑन लाइन जर्नलिज्म की बारीकियां सीखीं। इन पांच सालों में मोदी सरकार के सत्ता में आने से लेकर देश-दुनिया में बनते-बिगड़ते सत्ता समीकरणों एवं घटनाओं का गवाह बना। 2017 में इस संस्थान को अलविदा कहते हुए टाइम्स ग्रुप से जुड़ने का मौका मिला। टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल की लॉन्चिंग टीम का हिस्सा रहा और तब से यहां अपनी पत्रकारिता पारी लगातार जारी है।

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