40 साल की हुई मारुति 800, बिक्री हुई बंद लेकिन देश वासियों के दिल में अब भी जिंदा

मारुति सुजुकी ने 40 साल पहले 14 दिसंबर को पहली मारुति सुजुकी 800 लॉन्च की थी। कंपनी ने इस कार की पहली यूनिट का लकी ड्रॉ किया था और इसके साथ से ये कार लाखों भारतीय ग्राहकों की फैमिली कार बनी।

यह भारत के पुराने से नए दौर में प्रवेश तक के सफर की साक्षी रही

मुख्य बातें
  • 40 साल की हुई मारुति 800
  • 2014 में बंद हो चुकी है कार
  • 1984 में पहली बार हुई लॉन्च

Maruti 800 Turns 40: दक्षिण दिल्ली में मारुति सुजुकी इंडिया (एमएसआई) के मुख्यालय के ब्रांड सेंटर में खड़े कई आधुनिक वाहनों के बीच 40 साल पुरानी एक छोटी सफेद कार की मोटर वाहन जगत में अपनी ही चमक है। यह कोई साधारण कार नहीं बल्कि लोकप्रिय ‘मारुति 800’ या एम800 मॉडल की पहली इकाई है। इसके बाजार में आने के बाद भारत में वाहन उद्योग में क्रांति आ गई। ‘मारुति 800’ को 14 दिसंबर, 1983 को जब पे गया भारत तब भी लाइसेंस राज के अधीन था। एम800, 1991 में आर्थिक उदारीकरण का गवाह भी बनी। यह भारत के पुराने से नए दौर में प्रवेश तक के सफर की साक्षी रही।

आम जन की कार

मारुति 800 को ‘‘आम जन की कार’’ कहा जाता है। इसने हिंदुस्तान मोटर की एंबैस्डर कार और प्रीमियर पद्मिनी के एकाधिकार को चुनौती देते हुए उस समय भारत के सुस्त पड़े यात्री वाहन बाजाश कियार में हलचल मचा दी थी। पेश किए जाने के कुछ ही समय में यह लाखों मध्यमवर्गीय भारतीय परिवारों की पहली पसंद बन गई। हरपाल सिंह को 1983 इसकी पहली इकाई की चाबियां सौंपे जाने के बाद से एम800 के 1986-87 में संचयी रूप से एक लाख इकाइयों का उत्पादन किया।

पहली कार का लकी ड्रॉ

हरपाल सिंह ने 1983 में एक लकी ड्रॉ में इसे जीता था। उस समय बाज़ार में उपलब्ध अन्य उत्पादों की तुलना में सुजुकी कहीं बेहतर प्रौद्योगिकियों से लैस थी। 1992-93 में इसका संचयी उत्पादन रिकॉर्ड पांच लाख इकाई रहा। इसके बाद 1996-97 तक यह दोगुना होकर 10 लाख इकाई हो गया और 1999-2000 में 15 लाख इकाई का आंकड़ा पार कर गया। यह छोटी कार लगातार बाजार में अपनी पकड़ मजबूत करती गई और एम800 का उत्पादन 2002-03 में 20 लाख इकाई और 2005-06 में 25 लाख इकाई के आंकड़े को पार कर गया।

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