'भारतीय ऑटो उद्योग इतिहास के सबसे कठिन दौर में, चला गया कई साल पीछे'

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भाषा
Updated Sep 04, 2020 | 16:00 IST

मारुति सुजुकी इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ केनिची आयुकावा ने कहा कि भारतीय ऑटो उद्योग इतिहास में सबसे कठिन दौर से गुजर रहा है।

Indian auto industry in the most difficult period of history, went back many years 
भारतीय ऑटो उद्योग मुश्किल दौर मेंं  |  तस्वीर साभार: BCCL

नई दिल्ली : मारुति सुजुकी इंडिया के मैनेजिंग और सीईओ केनिची आयुकावा ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय ऑटो उद्योग इतिहास में सबसे कठिन दौर से गुजर रहा है और उसे जीएसटी में कमी तथा प्रोत्साहन आधारित स्क्रैपेज नीति के रूप में सरकारी मदद की जरूरत है। आयुकावा, जो ऑटो उद्योग की संस्था सियाम के अध्यक्ष भी हैं, ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी और पिछले वित्त वर्ष से जारी सुस्ती के चलते यह क्षेत्र कई साल पीछे चला गया है। उन्होंने कहा कि वैश्विक स्वास्थ्य संकट के सामने आने पर भारतीय ऑटो उद्योग ने वेंटिलेटर, निजी सुरक्षा उपकरण (पीपीई) के निर्माण में अपनी भूमिका निभाई और वायरस से लड़ने के लिए विदेशों से परीक्षण किट का आयात भी किया।

आयुकावा ने सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चर्स (सियाम) के 60वें वार्षिक सम्मेलन में कहा कि हम कह सकते हैं कि अगस्त में हमने पिछले साल की तुलना में वापसी की है। हालांकि, पिछले साल से तुलना करना सही नहीं होगा, क्योंकि उस दौरान उद्योग ने 15-25 प्रतिशत की नकारात्मक वृद्धि दर्ज की थी। इस नकारात्मक वृद्धि ने उद्योग को कई साल पीछे कर दिया है। यह सम्मेलन ऑनलाइन आयोजित किया गया था।

वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में कमी की ऑटो उद्योग की पुरानी मांग को दोहराते हुए उन्होंने कहा कि आयुकावा ने कहा कि हम इतिहास में सबसे कठिन समय का सामना कर रहे हैं। उद्योग को आपकी (सरकार) मदद की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हम जीएसटी में कटौती और प्रोत्साहन योजना का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। हमारा मानना ​​है कि बढ़ते कारोबार पर मिलने वाला कर सरकार की स्क्रैपेज योजना और जीएसटी में कटौती से ज्यादा होगा।

इस मौके पर उन्होंने भारी उद्योग मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को धन्यवाद दिया, जिन्होंने सम्मेलन में यह भरोसा दिया कि वह जीएसटी कटौती के मुद्दे को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के समक्ष उठाएंगे।

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