Bharat NCAP: भारत में शुरू हुआ मेड-इन-इंडिया कारों का क्रैश टेस्ट, सबसे पहली कारें नई सॉनेट और पंच

Made In India कारों का Crash Test अब भारत में शुरू हो गया है जिसे Bharat New Car Assessment Program यानी BNCAP नाम दिया गया है। इस क्रैश टेस्ट में पहली दो कारें New Kia Sonet और Tata Punch हैं।

सबसे पहले हाल में लॉन्च हुई किआ सॉनेट फेसलिफ्ट और टाटा पंच का क्रैश टेस्ट किया जा रहा है।

मुख्य बातें
  • भारत न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम शरू
  • क्रैश टेस्ट से गुजरीं पहली ये दो कारें
  • नई किआ सॉनेट और टाटा पंच टीज
BNCAP Crash Test Begins: भारत में बनी कारों के लिए भारत में ही क्रैश टेस्ट आज से शुरू हो गया है जिसमें वाहनों को सेफ्टी रेटिंग दी जाएगी। भारत न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम यानी बीएनसीएपी की आधिकारिक वेबसाइट भी लाइव हो गई है जिसमें दो कारों का टीजर भी जारी किया गया है। सबसे पहले हाल में लॉन्च हुई किआ सॉनेट फेसलिफ्ट और टाटा पंच का क्रैश टेस्ट किया जा रहा है, हालांकि इनकी सेफ्टी रेटिंग अभी जारी नहीं की गई है। इस टीजर में ये भी सामने आया है कि 6 लाख रुपये बजट वाली कार टाटा पंच का 6 एयरबैग्स वाला मॉडल जल्द लॉन्च किया जाएगा।

नितिन गडकरी की घोषणा

भारत के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इसी साल बीएनसीएपी जल्द शुरू होने की घोषणा की थी। भारत न्यू कार असेसमेंट प्रोग्राम के तहत नई कारों की सेफ्टी रेटिंग के लिए क्रैश टेस्ट किया जाएगा। इसके अंतर्गत सुरक्षा मानकों के हिसाब से अलग-अलग तरह के कई क्रैश टेस्ट होंगे जिनकी कुल सेफ्टी के हिसाब से इसकी रेटिंग निर्धारित की जाएगी। जानकारी के अनुसार बीएनसीएपी के पहले लॉट में करीब तीन दर्जन कारों कार क्रैश टेस्ट किया जाएगा। ये वाहन निर्माताओं के लिए बहुत कम खर्चीला होगा, इससे पहले इसी काम के लिए कारें विदेश भेजनी होती थीं।

किस आधार पर होगा क्रैश टेस्ट

भारत एनकैप के अंतर्गत या तो वाहन निर्माता स्वेच्छा ने क्रैश टेस्ट के लिए गाड़ियां भेज सकते हैं, या फिर भारत एनकैप के पास भी ये अधिकार होगा कि वो किसी भी कंपनी की कोई भी कार क्रैश टेस्ट के लिए चुन सकते हैं। क्रैश टेस्ट और सेफ्टी रेटिंग के लिए चुने गए वाहनों का परीक्षण कई तरीकों से किया जाएगा जो ग्लोबल एनकैप और यूरो एनकैप क्रैश टेस्ट प्रोटोकॉल से मेल खाते हैं। वाहनों के लिए शून्य से पांच सितारा रेटिंग दी जाएगी जो इसकी मजबूती और क्रैश टेस्ट में प्रदर्शन पर निर्भर करती है।
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