क्या दिल्ली में बंद होने वाली हैं ऐप बेस्ड कैब सर्विस, UBER की सरकार से गुजारिश

दिल्ली में जनलेवा स्तर पर पहुंच चुके प्रदूषण को रोकने के लिए राज्य सरकार सख्त कदम उठा रही है। ताजा जानकारी के हिसाब से दिल्ली-एनसीआर में App Based Cab Service पर Ban लग सकता है।

App Based Cab Aggrigators May Be Restricted In Delhi NCR

वाहनों के अलावा प्रदूषण फैलाने वाले बाकी कारणों पर भी ध्यान देने की आवश्यक्ता है। - UBER

मुख्य बातें
  • क्या दिल्ली में बंद होंगी ओला-उबर
  • राज्य सरकार लगा सकती है प्रतिबंध
  • उबर ने की सरकार से ये गुजारिश

App Based Cabs Ban In Delhi-NCR: दिल्ली में प्रदूषण जानलेवा स्तर पर बना हुआ है और राज्य सरकार इसे रोकने की पुरजोर कोशिश कर रही है। प्रदूषण पर काबू पाने के लिए कई सख्त कदम उठाए गए हैं जिनमें अन्य राज्यों से आने वाली ऐप बेस्ड टैक्सी सर्विस पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। इस लेकर देश की नामी कैब एग्रिग्रेटर उबर ने दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण को लेकर अपना पक्ष रखा है। कंपनी ने कहा है कि एनसीआर रीजन में मौजूद उनकी सभी 70,000 कारें क्लीन फ्यूल, सीएनजी और इलेक्ट्रिक पर चलती हैं। ये पेट्रोल-डीजल के मुकाबले हवा को बहुत प्रदूषित करते हैं।

कैसे कम होगा प्रदूषण

लोगों को क्लीन फ्यूल या इलेक्ट्रिक वाहनों का इस्तेमाल करने के लिए प्रोत्साहित करने से प्रदूषण पर काबू पाया जा सकता है। अगर कम प्रदूषण फैलाने वाले सीएनजी वाहनों पर रोक लगाई जाएगी तो लोग पेट्रोल-डीजल वाहनों का इस्तेमाल करने लगेंगे। हमने दिल्ली टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी की हालिया रिपोर्ट में ये भी पाया है कि राज्य में प्रदूषण का 2 प्रतिशत से भी कम हिस्सा चार-पहिया वाहनों से आता है। यानी वाहनों के अलावा प्रदूषण फैलाने वाले बाकी कारणों पर भी ध्यान देने की आवश्यक्ता है।

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लोगों को होगी परेशानी

राज्य सरकार द्वारा प्रदूषण फैलाने वाले छोटे कारणों पर ज्यादा ध्यान दिए जाने से दिल्ली-एनसीआर के लोगों को काफी परेशानी हो रही है। दिल्ली-एनसीआर हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के कई जिलों से घिरा हुआ है, इससे वाहनों की आवाजाही पर रोक लगाए रखना बहुत जटिल काम है। इससे एक तरीके से वाहनों का लॉकडाउन सा लग जाएगा, जिस वजह से एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन और बड़े अस्पतालों तक पहुंचना बहुत मुश्किल काम होगा। हम सरकार से गुजारिश करते हैं कि वैज्ञानिक प्रमाणों को ध्यान में रखते हुए उन्हें ये भी सोचना चाहिए कि ये मानवता के लिए बड़ा संकट बनकर उभर सकता है।

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अंशुमन साकल्ले author

अंशुमन साकल्ले जून 2022 से टाइम्स नाउ नवभारत (www.timesnowhindi.com/) में बतौर सीनियर स्पेशल करेस्पॉन्डेंट कार्यरत हैं। ये ईएमएमसी, दैनिक भास्कर, एनडी...और देखें

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