क्लीन एनर्जी वाले वाहनों पर सरकार का फोकस, 250 अरब डॉलर का होगा ईकोसिस्टम

Clean Energy Ecosystem In India: प्रैक्सिस ग्लोबल अलायंस की रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2030 तक भारत में कुल परिवहन बाजार 1.2 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है, जिसमें स्वच्छ और इलेक्ट्रिक मोबिलिटी परिवहन कुल बाजार का लगभग 20 प्रतिशत हिस्सा होगा।

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देश में क्लीन मोबिलिटी इकोसिस्टम वित्त वर्ष 2030 तक 250 अरब डॉलर का हो जाएगा।

मुख्य बातें
  • प्रैक्सिस ग्लोबल अलायंस की रिपोर्ट
  • 2030 तक कुल 20 % होंगी EV
  • ईवी चार्जर्स पर जीएसटी दरों में कमी
Clean Energy Ecosystem In India: सरकार पर्यावरण के अनुकूल और टिकाऊ परिवहन को बढ़ावा देने पर जोर दे रही है। देश में क्लीन मोबिलिटी इकोसिस्टम वित्त वर्ष 2030 तक 250 अरब डॉलर का हो जाएगा, जो 38 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक दर (सीएजीआर) से बढ़ेगा। प्रैक्सिस ग्लोबल अलायंस की रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2030 तक भारत में कुल परिवहन बाजार 1.2 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है, जिसमें स्वच्छ और इलेक्ट्रिक मोबिलिटी परिवहन कुल बाजार का लगभग 20 प्रतिशत हिस्सा होगा। प्रैक्सिस ग्लोबल अलायंस के मोबिलिटी, ऊर्जा और परिवहन के प्रबंध पार्टनर आर्यमन टंडन ने कहा, "अपने परिवहन क्षेत्र को विद्युतीकृत करने की दिशा में भारत की यात्रा न केवल एक स्थायी भविष्य की ओर एक छलांग है, बल्कि एक महत्वपूर्ण आर्थिक अवसर भी है।"

ईवी चार्जर्स पर जीएसटी दरों में कमी

भारत में ईवी-टू-चार्जिंग स्टेशन अनुपात 9:1 है। ग्लोबल स्तर पर स्वीकृत मानक अनुपात 4:1 तक पहुंचने के लिए, सरकार ने कई पहल की है, जिनमें एफएएमई 2 में महत्वपूर्ण आवंटन (120 मिलियन डॉलर से अधिक) और ईवी चार्जर्स पर जीएसटी दरों में कमी शामिल है। रिपोर्ट के अनुसार, "भू-राजनीतिक बदलावों और विनिर्माण लागत में उतार-चढ़ाव के कारण विश्व ईवी बाजार के सामने आने वाली चुनौतियों के बावजूद, भारत इन मुश्किलों का सामना करते हुए भी मजबूती से खड़ा है।"

इंटीग्रेटेड क्लीन मोबिलिटी इकोसिस्टम

देश की रणनीतिक स्थिति, अनुकूल घरेलू परिस्थितियों और मजबूत नीति ढांचे के साथ, स्वच्छ गतिशीलता (क्लीन मोबिलिटी) को अपनाने के लिए एक अनुकूल वातावरण बनाता है। अध्ययन के निष्कर्षों के मुताबिक, एकीकृत स्वच्छ गतिशीलता पारिस्थितिकी तंत्र (इंटीग्रेटेड क्लीन मोबिलिटी इकोसिस्टम) विकसित करने पर भारत का जोर न केवल इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने को बढ़ावा देता है, बल्कि चार्जिंग बुनियादी ढांचे, बैटरी प्रौद्योगिकी और स्थायी सप्लाई चेन जैसे समर्थन उद्योगों में इनोवेशन को भी बढ़ावा देता है। इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) और निजी इक्विटी निवेश है, जो ग्रोथ का प्रमुख चालक है।
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