दोपहिया,तिपहिया वाहनों को EV बनाने के लिए चाहिए होंगे 285 अरब डॉलर: WEF
Electric Vehicle: इंडियन ऑटोमोबाइल मार्केट में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स का क्रेज तेजी से बढ़ रहा है। सरकार भी इसको बढ़ावा दे रही है और इसके लिए सब्सिडी भी दी जा रही है।
भारत में वाहनों को EV बनाने के लिए चाहिए होंगे इतने पैसे
नई दिल्ली। विश्व आर्थिक मंच (WEF) ने कहा है कि दुनिया में दोपहिया एवं तिपहिया वाहनों के सबसे बड़े बेड़े वाले देश भारत के इन सभी वाहनों को इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) में तब्दील करने के लिए 285 अरब डॉलर की भारी रकम की जरूरत पड़ेगी। डब्ल्यूईएफ ने नीति आयोग के साथ मिलकर तैयार किए गए एक श्वेत पत्र में कहा है कि भारत में शहरी परिवहन और लोगों को उनके अंतिम मुकाम तक पहुंचाने के लिए इलेक्ट्रिक दोपहिया एवं तिपहिया वाहनों को तेजी से अपनाया जा रहा है। इसके मुताबिक, दोपहिया एवं तिपहिया श्रेणी के वाहनों को सबसे पहले इलेक्ट्रिक ढांचे में ढाले जाने की संभावना है।
ईवी को अपनाने में हिचकिचाहट
हालांकि इन वाहनों के मालिक एवं चालक दोनों ही ईवी को अपनाने को लेकर थोड़ी हिचकिचाहट दिखा रहे हैं। इसके पीछे ईवी पर आने वाली ऊंची लागत, नयी प्रौद्योगिकी को लेकर भरोसे की कमी, विश्वसनीयता का अभाव और वाहन के पुराना हो जाने पर उसकी बिक्री से मिलने वाले मूल्य को लेकर अनिश्चितता होना जैसे कारण हैं।
देश भर में 45 कंपनियां बनाती हैं इलेक्ट्रिक दोपहिया एवं तिपहिया वाहन
इसके बावजूद पिछले कुछ वर्षों में दोपहिया एवं तिपहिया को ईवी स्वरूप में अपनाने का सिलसिला जोर पकड़ रहा है। भारत में बिकने वाले कुल वाहनों में दोपहिया एवं तिपहिया वाहनों का सम्मिलित हिस्सा करीब 80 प्रतिशत है। देश भर में करीब 45 ऐसी कंपनियां हैं जो इलेक्ट्रिक दोपहिया एवं तिपहिया वाहन बनाती हैं और इनका सम्मिलित बिक्री आंकड़ा 10 लाख इकाई को पार कर चुका है। लेकिन देश में उपलब्ध कुल 25 करोड़ दोपहिया एवं तिपहिया वाहनों की संख्या के अनुपात में ईवी का आंकड़ा बेहद कम है।
डब्ल्यूईएफ ने इस श्वेत पत्र में कहा, "भारत के समूचे दोपहिया एवं तिपहिया वाहनों को ईवी में तब्दील करने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए करीब 285 अरब डॉलर (लगभग 23 लाख करोड़ रुपये) की पूंजी की जरूरत पड़ेगी।" इस अनुमान के पीछे इन वाहनों की संख्या बढ़कर 27 करोड़ हो जाने का आकलन शामिल है।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | ऑटो (auto News) और चुनाव के समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |
End Of Feed
© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited