इलेक्ट्रिक गाड़ियों की चार्जिंग होगी बहुत बेहतर, 2030 तक बदल जाएगा पूरा हुलिया
EV Charging Infrastructure In India: एक नई रिपोर्ट के अनुसार, भारत का इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) चार्जिंग बाजार 2030 तक 3.7 बिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगा। वैश्विक स्तर पर, ईवी चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर बाजार में वृद्धि होने की संभावना है।
भारत का इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग बाजार 2030 तक 3.7 बिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगा।
- भारत में बेहतर होगी ईवी चार्जिंग
- 3.7 बिलियन डॉलर पहुंचेगा बाजार
- 2030 तक बदल जाएगा पूरा सीन
EV Charging Infrastructure In India: इलेक्ट्रिक वाहनों के बढ़ते इस्तेमाल के साथ भारत का ईवी चार्जिंग बाजार तेजी से बढ़ने का अनुमान है। मंगलवार को आई एक नई रिपोर्ट के अनुसार, भारत का इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) चार्जिंग बाजार 2030 तक 3.7 बिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगा। वैश्विक स्तर पर, ईवी चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर बाजार में वृद्धि होने की संभावना है। इसका राजस्व 2030 में बढ़कर 164 बिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है, 2023 में ये 25.9 बिलियन डॉलर था। जो करीब 12 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) को दर्शाता है।
भारत में बैटरी स्वैपिंग
1 लैटिस के औद्योगिक सामान और सेवा निदेशक अभिषेक मैती ने कहा, "भारत का ईवी बाजार 2030 तक 3.7 बिलियन डॉलर तक पहुंचने वाला है, फास्ट-चार्जिंग टेक्नोलॉजी और बैटरी-स्वैपिंग सॉल्यूशन रेंज की चिंता को दूर करने और रोजमर्रा के यूजर्स के लिए ईवी को अधिक प्रैक्टिकल बनाने के लिए महत्वपूर्ण हैं।" भारत में बैटरी स्वैपिंग, विशेष रूप से दोपहिया और तिपहिया वाहनों के लिए, एक लोकप्रिय समाधान के रूप में उभर रही है, प्रमुख ऑटो कंपनियां इलेक्ट्रिक वाहनों को अधिक किफायती और सुलभ बनाने के लिए बैटरी-स्वैपिंग टेक्नोलॉजी में निवेश कर रही हैं।
2030 तक 30% ईवी लक्ष्य
रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक स्तर पर, ईवी चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश 2018 और 2023 के बीच लगभग 30 प्रतिशत की सीएजीआर से बढ़ा है। भारत में भी इसी अवधि के दौरान 35 प्रतिशत की सीएजीआर के साथ मजबूत निवेश वृद्धि देखी गई है। पिछले महीने के अंत में एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स की एक दूसरी रिपोर्ट के अनुसार, भारत सरकार देश में अधिक ईवी उत्पादन और सप्लाई चेन के अधिक स्थानीयकरण पर जोर दे रही है, जो देश को 2030 तक 30 प्रतिशत ईवी लक्ष्य तक पहुंचने में मदद करेगा।
1 लैटिस की रिपोर्ट
सरकार ने हाल ही में पीएम इलेक्ट्रिक ड्राइव रिवोल्यूशन इन इनोवेटिव व्हीकल एन्हांसमेंट (पीएम ई-ड्राइव) योजना शुरू की है, जिसका वित्तीय परिव्यय दो वर्षों की अवधि में 10,900 करोड़ रुपये है। पीएम ई-ड्राइव योजना ईवी अपनाने में तेजी लाने और देश भर में महत्वपूर्ण चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी, जिससे हमारे वातावरण को अधिक स्वच्छ बनाने में मदद मिलेगी। लीडिंग टेक-इनेबल्ड मार्केट इंटेलिजेंस फर्म 1 लैटिस की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में यह वृद्धि दर 16 प्रतिशत सीएजीआर रहने की उम्मीद है।
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अंशुमन साकल्ले जून 2022 से टाइम्स नाउ नवभारत (www.timesnowhindi.com/) में बतौर सीनियर स्पेशल करेस्पॉन्डेंट कार्यरत हैं। ये ईएमएमसी, दैनिक भास्कर, एनडी...और देखें
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