बैटरी चार्जिंग और स्वैपिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए सरकार की मीटिंग, इन मुद्दों पर हुई चर्चा

Charging Station And Battery Swapping: बैठक में भारी उद्योग विभाग और उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के अधिकारी भी शामिल हुए। एक अधिकारी ने बताया कि टाटा मोटर्स, टीवीएस मोटर्स और मर्सिडीज-बेंज इंडिया के प्रतिनिधि भी इस विचार-विमर्श में शामिल हुए।

बातचीत बैटरी चार्जिंग स्टेशन और बैटरी की अदला-बदली का बुनियादी ढांचा विकसित करने पर केंद्रित रही

मुख्य बातें
  • चार्जिंग स्टेशन और बैटरी स्वैपिंग
  • सरकार ने की इसके लिए मीटिंग
  • अहम मुद्दों पर हुआ विचार-विमर्श

Charging Station And Battery Swapping: वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) क्षेत्र के प्रतिनिधियों के साथ शुक्रवार को चार्जिंग स्टेशन और बैटरी बदलने की ढांचागत सुविधाओं के विकास समेत विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। इस बैठक में भारी उद्योग विभाग और उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के अधिकारी भी शामिल हुए। एक अधिकारी ने बताया कि टाटा मोटर्स, टीवीएस मोटर्स और मर्सिडीज-बेंज इंडिया के प्रतिनिधि भी इस विचार-विमर्श में शामिल हुए। अधिकारी ने कहा, "बातचीत बैटरी चार्जिंग स्टेशन और बैटरी की अदला-बदली का बुनियादी ढांचा विकसित करने पर केंद्रित रही।"

50 करोड़ डॉलर का न्यूनतम निवेश

ईवी उद्योग के एक अधिकारी ने कहा कि बैटरी बदलने की सुविधा देने वाले स्टेशनों और चार्जिंग सुविधा वाले स्थानों से जुड़े मानकों को लेकर भी इस बैठक में चर्चा की गई। पिछले साल मार्च में सरकार इलेक्ट्रिक वाहन नीति लेकर आई थी जिसमें 50 करोड़ डॉलर के न्यूनतम निवेश के साथ देश में विनिर्माण इकाइयां स्थापित करने वाली कंपनियों को शुल्क में छूट देने का प्रावधान है।

इस नीति का लाभ नहीं उठाया

इसके साथ ई-वाहनों के लिए विनिर्माण संयंत्र लगाने वाली कंपनियों को कम सीमा शुल्क पर सीमित संख्या में कारों का आयात करने की भी अनुमति है। इस नीति का उद्देश्य भारत को इलेक्ट्रिक वाहनों के विनिर्माण के लिए एक गंतव्य के रूप में बढ़ावा देना और वैश्विक ईवी निर्माताओं से निवेश जुटाना है। हालांकि, अभी तक किसी भी कंपनी ने इस नीति का लाभ नहीं उठाया है।

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