रोड सेफ्टी में ‘विश्व गुरु’ की भूमिका में भारत, हेलमेट की कीमत को लेकर UN का बड़ा लक्ष्य

हर साल सड़क दुर्घटनाओं में 12 लाख से अधिक लोगों की जान जाती है, जिनमें 5-29 वर्ष की उम्र के लोगों की संख्या सबसे अधिक है। इस कार्यक्रम में संयुक्त राष्ट्र के रोड सेफ्टी विशेष दूत जीन टॉड ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षित और किफायती हेलमेट पहल पर चर्चा का नेतृत्व किया, जिसका उद्देश्य पूरी दुनिया में उच्च गुणवत्ता वाले और किफायती हेलमेट उपलब्ध कराना है।

India Road Safety

रोड सेफ्टी में ‘विश्व गुरु’ की भूमिका में भारत

India Road Safety: भारत ने माराकेच, मोरक्को में आयोजित चौथे वैश्विक मंत्री स्तरीय रोड सेफ्टी सम्मेलन में सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में वैश्विक नेतृत्व की भूमिका निभाई। इस सम्मेलन का आयोजन मोरक्को सरकार और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा किया गया। हर साल सड़क दुर्घटनाओं में 12 लाख से अधिक लोगों की जान जाती है, जिनमें 5-29 वर्ष की उम्र के लोगों की संख्या सबसे अधिक है। इस गंभीर स्थिति को देखते हुए, वैश्विक नेताओं ने सम्मेलन की थीम "Commit to Life" के तहत सड़क सुरक्षा को मजबूत करने का संकल्प लिया।

उच्च गुणवत्ता, किफायती हेलमेट

इस कार्यक्रम में संयुक्त राष्ट्र के रोड सेफ्टी विशेष दूत जीन टॉड ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षित और किफायती हेलमेट पहल पर चर्चा का नेतृत्व किया, जिसका उद्देश्य पूरी दुनिया में उच्च गुणवत्ता वाले और किफायती हेलमेट उपलब्ध कराना है। इस पहल में भारत ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जहां सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री श्री अजय टम्टा, स्टीलबर्ड हेलमेट्स के प्रबंध निदेशक और हेलमेट विशेषज्ञ राजीव कपूर, उद्योग संगठन SIAM और सड़क सुरक्षा से जुड़ी कई प्रमुख भारतीय एनजीओ ने हेलमेट की उपलब्धता और सख्त प्रवर्तन पर अपने विचार साझा किए।

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भारत बना वैश्विक केंद्र

भारत, जो हेलमेट निर्माण और सुरक्षा जागरूकता में वैश्विक केंद्र बन चुका है, इस सम्मेलन मेंअपनी रणनीतिक योजना प्रस्तुत करने के लिए आमंत्रित किया गया था। स्टीलबर्ड हेलमेट्स के प्रबंध निदेशक और हेलमेट विशेषज्ञ राजीव कपूर ने भारत की अग्रणी भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा "भारत केवल हेलमेट बनाने का केंद्र नहीं है, बल्कि हम दुनिया में बदलाव ला रहे हैं। हमारी प्राथमिकता उच्च गुणवत्ता वाले हेलमेट को सभी के लिए किफायती और सुलभ बनाना है। सुरक्षा किसी विशेष वर्ग की सुविधा नहीं, बल्कि हर व्यक्ति का मौलिक अधिकार है।"

हेलमेट की कीमत और UN

हालांकि हेलमेट से मस्तिष्क की चोट का खतरा 74% तक कम होता है और मृत्यु की संभावना छह गुना घट जाती है, फिर भी महंगे दाम, उपलब्धता की कमी और कमजोर कानूनों के कारण करोड़ों बाइक सवार हेलमेट नहीं पहनते। संयुक्त राष्ट्र की पहल के तहत UN सुरक्षा मानकों के अनुसार हेलमेट की कीमत 20 अमेरिकी डॉलर से कम रखने का लक्ष्य रखा गया है ताकि गरीब और जरूरतमंद लोग भी इन्हें खरीद सकें।

2030 तक 50% कमी का लक्ष्य

इस सम्मेलन में 80 से अधिक देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया और सड़क सुरक्षा के प्रमुख मुद्दों जैसे – कानूनों को सख्त बनाने, नई परिवहन तकनीकों, फंडिंग और अफ्रीकी देशों की विशेष सड़क सुरक्षा चुनौतियों पर चर्चा की। 2030 तक सड़क दुर्घटनाओं में 50% की कमी लाने के संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्य को पूरा करने के लिए सभी देशों ने सख्त नियम, अधिक जागरूकता और हेलमेट के अनिवार्य उपयोग के प्रवर्तन की आवश्यकता पर जोर दिया। भारत की इस सम्मेलन में सक्रिय भागीदारी और नेतृत्व से वैश्विक नीति में महत्वपूर्ण बदलाव की उम्मीद बढ़ी है। इस कदम से अंतरराष्ट्रीय सहयोग को और मजबूती मिलेगी और भारत सड़क सुरक्षा में एक मिसाल कायम करेगा।

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Pawan Mishra author

पवन कुमार मिश्रा Timesnowhindi.com के साथ फरवरी 2024 से बतौर सीनियर कॉपी एडिटर के रूप में जुड़े हैं। जन्म दिल्ली में हुआ और शिक्षा भी यहीं से पूरी की ह...और देखें

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