महिंद्रा और जीप की 15 साल लंबी लड़ाई, क्या आपको पता है पूरा मामला

जीप ने महिंद्रा पर साल 2019 में अमेरिका में केस कर दिया था। क्या आप जानते हैं कि जीप ने आखिर महिंद्रा पर केस क्यों किया था? यह लड़ाई 2019 से नहीं बल्कि 2009 से शुरू हुई थी और यह 15 साल तक चली है। आइये आपको जीप और महिंद्रा की इस लड़ाई के बारे में बताते हैं और साथ ही दोनों कंपनियों के बीच मौजूद रिश्ते के बारे में भी बताते हैं।

Mahindra Vs Jeep

महिंद्रा और जीप की 15 साल लंबी लड़ाई, क्या आपको पता है पूरा मामला

Mahindra Vs Jeep: महिंद्रा को भारत में दमदार SUVs बनाने के लिए जाना जाता है, तो वहीं जीप को दुनिया भर में अपनी ऑफ रोड चैंपियन कार. जीप रेंगलर, से पहचान मिली है। दोनों ही कंपनियों को प्रमुख रूप से SUVs बनाने के लिए ही जाना जाता है। महिंद्रा की नई वाली थार और रेंगलर बहुत हद तक दिखने में एक जैसी हैं। इसी बात को लेकर महिंद्रा और जीप एक बार कानूनी लड़ाई पर उतर आये थे। लेकिन ये लड़ाई कोई आम लड़ाई नहीं थी। यह लड़ाई 15 साल तक चली और इस लड़ाई का इतिहास बहुत ही उलझा हुआ, लेकिन कमाल का है। आइये आज आपको महिंद्रा और जीप की इस लड़ाई और महिंद्रा और जीप के कनेक्शन के बारे में बताते हैं।

महिंद्रा और जीप का कनेक्शन
अमेरिकन कंपनी जीप को पहले विलिस (Willy’s) के नाम से जाना जाता था। 1947 में KC महिंद्रा और JC महिंद्रा ने मुंबई में जीप बनाने की शुरुआत की। जीप बनाने के लिए महिंद्रा भाइयों को विलिस ने लाइसेंस दिया गया था। महिंद्रा ने अपनी जीप को रॉक्सर (ROXOR) नाम दिया था। महिंद्रा की बनाई रॉक्सर भारत के ग्रामीण इलाकों में काफी पॉपुलर हो गई। क्योंकि यह कार उस वक्त बनी सड़कों पर दौड़ाई जा सकती थी और पुलिस और आर्मी को भी यह कार दी जाने लगी। इसके बाद 1987 में अमेरिकन कंपनी जीप का अधिग्रहण क्रिज्लर (Chrysler) ने कर लिया।

महिंद्रा की पॉपुलैरिटी, क्रिज्लर का ऐतराज

इधर भारत में साल 1996 में महिंद्रा ने ‘क्लासिक’ लॉन्च की जिसके बाद कंपनी की पॉपुलैरिटी आसमान छूने लगी। अधिग्रहण के बाद क्रिज्लर ने महिंद्रा की जीप के डिजाइन पर ऐतराज जताना शुरू किया और साल 2009 में महिंद्रा से समझौता कर लिया। समझौते के मुताबिक महिंद्रा, क्रिज्लर की कारों का 7 ग्रिल वाला डिजाइन कॉपी नहीं कर सकती थी लेकिन जरूरी मॉडिफिकेशन्स के साथ कार बना सकती थी। इस तरह 2009 में ही महिंद्रा और जीप की कारों के बीच समानता को लेकर अनबन शुरू हो चुकी थी। एक साल बाद 2010 में ही महिंद्रा ने पहली बार थार को भारत में लॉन्च किया।

कानूनी लड़ाई
इसके बाद 2014 में क्रिज्लर जीप का अधिग्रहण फिएट ने कर लिया और अब कंपनी का पूरा नाम फिएट क्रिज्लर मोटर्स (FCA) हो गया। इसी कंपनी को आज स्टेलांटिस कहा जाता है। 2010 में थार की पहली जनरेशन लॉन्च होने के बाद 2020 में थार का दूसरी जनरेशन का मॉडल लॉन्च किया गया था। इधर थार के डिजाइन से FCA खफा हो गई और 2019 में अमेरिका में महिंद्रा पर कानूनी केस फाइल कर दिया। FCA का दावा था कि थार का डिजाइन जीप रेंगलर से नकल करके बनाया गया है। साथ ही अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में बिकने वाली रॉक्सर पर भी सवाल खड़े किये गए। आखिरकार 23 जुलाई 2024 को महिंद्रा केस जीत गई और छोटे-मोटे बदलावों के साथ कंपनी ने अमेरिका में रॉक्सर को बेचना फिर से शुरू किया।
नोट: यह जानकारी इकॉनोमिक टाइम्स और टाइम्स ऑफ इंडिया से ली गई है।
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Pawan Mishra author

पवन कुमार मिश्रा Timesnowhindi.com के साथ फरवरी 2024 से बतौर सीनियर कॉपी एडिटर के रूप में जुड़े हैं। जन्म दिल्ली में हुआ और शिक्षा भी यहीं से पूरी की ह...और देखें

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