अब विदेशी सड़कों पर चलेंगी 30 लाख Maruti Suzuki, कंपनी ने निर्यात में किया कारनामा

Maruti Suzuki Export Mark: मारुति सुज़ुकी ने वर्ष 1986 में भारत से वाहनों का निर्यात शुरू किया था। 30,00,000वां वाहन 1,053 यूनिट के शिपमेंट का हिस्सा था, जिसे गुजरात के पीपावाव बंदरगाह से रवाना किया गया। इस खेप में Celerio, Fronx, Jimny, Baleno, Ciaz, Dzire और S-Presso जैसे मॉडल शामिल हैं।

मारुति सुज़ुकी ने वर्ष 1986 में भारत से वाहनों का निर्यात शुरू किया था

मुख्य बातें
  • मारुति सुजुकी का निर्यात में कारनामा
  • 30 लाख वाहन विदेशों में भेज चुकी
  • सितंबर 1986 में शुरू हुआ था निर्यात

Maruti Suzuki Export Mark: भारत के घरेलू बाजार और निर्यात के क्षेत्र में सबसे बड़ी पैसेंजर वाहन कंपनी मारुति सुज़ुकी इंडिया लिमिटेड (MSIL) ने 30 लाख वाहनों के कुल निर्यात का माइलस्टोन हासिल कर लिया है। '30,00,000वां' वाहन 1,053 यूनिट के शिपमेंट का हिस्सा था, जिसे गुजरात के पीपावाव बंदरगाह से रवाना किया गया। इस खेप में Celerio, Fronx, Jimny, Baleno, Ciaz, Dzire और S-Presso जैसे मॉडल शामिल हैं जो उत्तरी अफ्रीकी रीजन के लिए रवाना हुए हैं।

सितंबर 1986 से शुरू हुआ निर्यात

मारुति सुज़ुकी ने वर्ष 1986 में भारत से वाहनों का निर्यात शुरू किया था। 500 कारों की पहली बड़ी खेप सितंबर 1987 को हंगरी भेजी गई थी। कंपनी ने वित्त वर्ष 2012-13 में वाहन निर्यात में 10 लाख का माइलस्टोन हासिल किया था। इसके बाद वित्त वर्ष 2020-21 में लगभग 9 वर्षों के अंदरअगले 10 लाख का आंकड़ा हासिल किया। सरकार द्वारा लाई गई उद्योग नितियो की मदद से, 20 लाख से 30 लाख कुल निर्यात का आंकड़ा केवल 3 साल और 9 महीनों में हासिल किया गया जो कंपनी के लिए सबसे तेज़ी से हासिल किया गया 10 लाख का आंकड़ा है।

30 लाख कुल निर्यात उपलब्धि

निर्यात की इस खास उपलब्धि के बारे में बात करते हुए मारुति सुज़ुकी के मैनेजिंग डायरेक्टर एवं सीईओ, श्री हिसाशी ताकेउचि ने कहा, “30 लाख कुल निर्यात की यह उपलब्धि ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरिंग में भारत की मजबूत स्थिति को दर्शाता है, इसी के साथ ही यह आंकड़ा वैश्विक स्तर पर ब्रांड इंडिया का एक शानदार उदाहरण प्रस्तुत करता है।

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