दंगों से ज्यादा सड़क हादसों में मरते हैं लोग, बच्चों को रोड सेफ्टी के प्रति जागरूक करना जरूरी, IEC में बोले नितिन गडकरी

India Economic Conclave 2024: टाइम्स नेटवर्क के इंडिया इकोनॉमिक कॉन्क्लेव 2024 में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि सड़क हादसे रोकने के लिए लोगों को गाड़ी चलाते समय मोबाइल पर बात नहीं करना चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि 5 से 10वीं तक के बच्चों को रोड सेफ्टी के बारे में जागरूक करना चाहिए।

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India Economic Conclave 2024 में सड़क सुरक्षा पर बोले नितिन गडकरी

India Economic Conclave 2024: टाइम्स नेटवर्क के इंडिया इकोनॉमिक कॉन्क्लेव 2024 में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने रोड सेफ्टी के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि हम चाहते हैं कि नए प्रोजेक्ट में इसमें कमी आए। कार्यक्रम के दौरान टाइम्स नेटवर्क की ग्रुप एडिटर और टाइम्स नाउ नवभारत की एडिटर इन चीफ नाविका कुमार उनसे पूछा कि हर साल क्यों सड़क हादसे में 1 लाख 72 लोग मर जाते हैं? इस पर गडकरी ने कहा कि डीपीआर बनाने वाले सही नहीं बनाते हैं। नए प्रोजेक्ट में हम चाहते हैं इसमें कमी हो। अब ऑटो मोबाइल की क्वालिटी बेस्ट है। लोग गाड़ी चलाते समय मोबाइल पर बात न करें। 5वीं से 10वीं तक के बच्चों को रोड सेफ्टी को लेकर जागरूक करना जरूरी है। इस पर अलग से कार्यक्रम होना चाहिए।

एक्सिडेंट पर सामाधान ढ़ूढ़ने की जरुरत है? 1 लाख 72 हजार लोग एक साल में सड़क हादसे में मरते हैं। इस पर उन्होंने कहा कि एक्सीडेंट 5 लाख होते हैं, डेथ 1 लाख 78 हजार है। मरने वालों में 18 से 34 उम्र वाले 60 हजार हैं। बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने इसके सामाधान के लिए कहा कि रोड इंजीनियरिंग में खूब गलतियां हुई हैं। डीपीआर बनाने वालों ने घटिया डीपीआर बनाया। एक-एक जगह पर 150-150 लोग मरे हैं। हमने 40 हजार करोड़ देकर ब्लैक स्पॉप की पहचान की। नए प्रोजेक्ट में चिंता कर रहे है कि ये नहीं हो। ऑटो मोबाइल इंजीनियरिंग में भी हमने सुधार किया है। हमने फाइन भी बढ़ा दिया है।

गडकरी ने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि ह्यूमन बिहेबियर में रूकने का सिंगल हो तो रुकना चाहिए। गाड़ी चालते हुए मोबाइल पर बात नहीं करना चाहिए। लोगों के रोड पार करते समय गाड़ी वालों को रुकना चाहिए। बिना हेलमेट की वजह से 30 हजार लोग साल में मर जाते है। लोगों में कानून के प्रति डर भी नहीं है और सम्मान भी नहीं है। उन्होंने कहा कि मीडिया और एजुकेशन इंस्टीट्यूशन, एनजीओ, सोशल ऑर्गनाइजेशन बड़े पैमाने पर पब्लिक कैंपेन चलाकर ह्यूमन बिहेबियर को बदलना होगा। खाकर पांचवीं से 10वीं तक के बच्चों को रोड सेफ्टी का महत्व समझाने के लिए कार्यक्रम करना चाहिए। दंगे में जितने लोग नहीं मरते हैं, लड़ाई में जितने लोग नहीं मरते हैं, कोविड में नहीं मरे, एक साल में सिर्फ सड़क हादसे में 1 लाख 78 हजार लोगों का मरना क्या हमारे देश के लिए अच्छा है? हम इसमें दुनिया में नंबर वन हैं।

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रामानुज सिंह author

रामानुज सिंह अगस्त 2017 से Timesnowhindi.com के साथ करियर को आगे बढ़ा रहे हैं। यहां वे असिस्टेंट एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं। वह बिजनेस टीम में ...और देखें

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