इलेक्ट्रिक स्कूटर खरीदी है तो आपको वापस मिलने वाले हैं चार्जर के पैसे, इन्हें होगा फायदा
FAME II Subsidy मामले में हेरफेर का आरोप साबित होने के बाद जहां सरकार ने दो वाहन निर्माताओं को रिकवरी नोटिस भेजा है, वहीं ओला, एथर, टीवीएस और वीडा ग्राहकों से लिए गए इलेक्ट्रिक चार्जर की रकम वापस करने वाली है।
सरकार ने दोषी पाते हुए जहां हीरो इलेक्ट्रिक और ओकिनावा पर करीब 250 करोड़ का जुर्माना ठोका है।
मुख्य बातें
- इलेक्ट्रिक स्कूटर मालिकों की मौज
- ये कंपनियां वापस करेंगी कुछ पैसा
- लोगों को चार्जर के पैस वापस देंगे
FAME II Subsidy Violation Case: भारत की चार बड़ी इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता ओला, एथर, टीवीएस और वीडा पर फेम-2 सब्सिडी पाने के लिए नियमों के उल्लंघन का आरोप लगा है। सरकार ने दोषी पाते हुए जहां हीरो इलेक्ट्रिक और ओकिनावा पर करीब 250 करोड़ का जुर्माना ठोका है, वहीं अब ये चार कंपनियां अपने ग्राहकों को इलेक्ट्रिक चार्जर के लिए वसूली गई रकम वापस करने वाली हैं। इन कंपनियों ने इलेक्ट्रिक स्कूटर की खरीद पर ग्राहकों को अलग से इलेक्ट्रिक चार्जर बेचे थे, अब ये रकम इन्हें वापस की जाएगी।
क्या है सब्सिडी में हेरफेर का मामला?
भारत सरकार की फेम-2 ईवी स्कीम में सब्सिडी पाने के लिए हेरफेर की कई शिकायतों के बाद मिनिस्ट्री ऑफ हेवी इंडस्ट्रीज ने इसकी जांच की है। इस मामले की जांच करने के लिए आईकैट जैसी इन्वेस्टिगेशन एजेंसी को नियुक्त किया गया था। इस मामले की जांच करते हुए इन एजेंसियों ने पहले से बिक चुकीं और बनाई जा रही ईवी पर मिली सब्सिडी क्लेम पर इन्वेस्टिगेशन की। इन इलेक्ट्रिक वाहनों को खोलकर देखा गया और जिससे ये पता लगाया जा सके कि इनमें कितने पुर्जे देशी और कितने विदेशी हैं।
250 करोड़ का जुर्माना लगाया
इलेक्ट्रिक वाहन निर्माताओं को लेकर ये जांच पूरी हो चुकी है जिसमें हीरो इलेक्ट्रिक और ओकिनावा सब्सिडी पाने के लिए हेरफेर करने में शामिल पाई गई हैं। इन दोनों कंपनियों ने फेम-2 स्कीम के तहत सब्सिडी पाने के लिए विदेशी पुर्जों का इस्तेमाल अपने इलेक्ट्रिक स्कूटर्स में किया है और उन्हें देशी बताया है। परिणामस्वरूप केंद्र सरकार ने इन दोनों ईवी निर्माताओं से करीब 250 करोड़ रुपये की रिकवरी मांगी है। इनमें से ओकिनावा ऑटोटेक पर 116 करोड़ का रिकवरी नोटिस जारी हुआ है, वहीं हीरो इलेक्ट्रिक को 133 करोड़ रुपये वापस करने को कहा गया है।
ओला ने माल ली अपनी गलती
रिपोर्ट में सामने आया है कि ओला इलेक्ट्रिक भी सब्सिडी पाने की इस हेरफेर में शामिल है, हालांकि कंपनी ने अपनी गलती मान ली है। ये कंपनी नियमों का उल्लंघन करने के चलते अब 130 करोड़ रुपये लौटाने का तैयार हो गई है, ओला ने 2020 से 20 मार्च 2023 तक ग्राहकों को ऑफबोर्ड चार्जर ग्राहकों को बेचे थे जो विदेशी थे और इन्हें लोकल पुर्जे बताकर बेचा गया था। इन तीनों के अलावा ओकाया, टीवीएस, जितेंद्र न्यू ईवी, एवन साइकिल, विक्ट्री और ठकराल को इस जांच में क्लीन चिट दी गई है।
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अंशुमन साकल्ले author
अंशुमन साकल्ले जून 2022 से टाइम्स नाउ नवभारत (www.timesnowhindi.com/) में बतौर सीनियर स्पेशल करेस्पॉ...और देखें
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