बदलवाने जा रहे हैं कार का इंफोटेनमेंट सिस्टम? सावधान! दुर्घटना के प्रति यूरो NCAP ने दी चेतावनी
कार को खरीदने के बाद भी उसमें कई तरह की एक्सेसरीज और सिस्टम लगवाने पड़ते हैं। ज्यादातर लोग अपनी कार के इंफोटेनमेंट सिस्टम को बाजार के टचस्क्रीन इंफोटेनमेंट सिस्टम से बदलवाते हैं। क्या आप भी अपनी कार को एक टचस्क्रीन इंफोटेनमेंट सिस्टम का अपग्रेड देने के बारे में सोच रहे हैं? ऐसे में यह खबर आपके लिए बहुत काम की साबित हो सकती है।
कार में लगवाने जा रहे हैं टचस्क्रीन सिस्टम, यूरो NCAP ने दी ये चेतावनी
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क्या है मामला?सेफ्टी से जुड़े इस मसले पर बात करते हुए यूरो NCAP ने 2026 तक कार क्रैश टेस्ट में कुछ बदलाव करने की संभावना भी जताई है। यूरो NCAP के निर्देशक मैथ्यू एवरी ने कहा है कि कार निर्माताओं को कार में जरूरी सिस्टम्स के लिए अलग से फिजिकल कंट्रोल प्रदान करना चाहिए। इससे ड्राइवर्स सड़क पर ज्यादा ध्यान दे पाएंगे और ड्राइविंग भी ज्यादा सुरक्षित होगी। हालांकि यूरो NCAP के हाथों में सरकार जितनी शक्तियां नहीं हैं लेकिन कार मार्केट में संस्था द्वारा किसी भी वाहन को दी गई रेटिंग बहुत मायने रखती है।
फिजिकल कंट्रोल या टचस्क्रीन?कार में फिजिकल कंट्रोल या फिर टचस्क्रीन कंट्रोल की बहस काफी लंबे समय से चली आ रही है और भारत में भी यह मामला अब जोर पकड़ रहा है। हालांकि टचस्क्रीन इंफोटेनमेंट और कंट्रोल सेंटर काफी आकर्षक और कूल लगता है लेकिन ड्राइवर्स का ध्यान भटकने और पैसेंजर्स की सेफ्टी को लेकर यह मसला काफी गंभीर हो जाता है। आपको क्या लगता है कार में इंफोटेनमेंट सिस्टम कैसा होना चाहिए और क्या सुविधाजनक और अपग्रेडेशन को देखते हुए हमें सेफ्टी से समझौता करना चाहिए या नहीं?
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पवन कुमार मिश्रा Timesnowhindi.com के साथ फरवरी 2024 से बतौर सीनियर कॉपी एडिटर के रूप में जुड़े हैं। ...और देखें
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