नहीं रहे भारत को लखटकिया देने वाले रतन टाटा, गरीबों तक कार पहुंचाना था सपना

Ratan Tata Passes Away: रतन टाटा का निधन 9 अक्टूबर 2024 को हो गया है और 84 वर्ष की उम्र में उन्होंने मुंबई के अस्पताल में अंतिम सांस ली। रतन नवल टाटा अपने पीछे एक सुनहरा इतिहास छोड़ गए हैं जिनमें टाटा मोटर्स भी शामिल है। इन्होंने वो सपना देखा था जो मुनाफा कमाने वाले कभी ना देख पाते, रतन टाटा हर गरीब के घर में भी कार देखना चाहते थी।

रतननवलटाटाअपनेपीछेएकसुनहराइतिहासछोड़गएहैंजिनमेंटाटामोटर्सभीशामिलहै

मुख्य बातें
  • नहीं रहे लखटकिया देने वाले रतन टाटा
  • 84 वर्ष की उम्र में ली अंतिम सांस
  • 9 अक्टूबर को मुंबई में हुआ निधन
Ratan Tata Passes Away: भारत के दिग्गज बिजनेस लीडर और बड़े दानवीर रतन टाटा का निधन हो गया है। 9 अक्टूबर 2024 को उन्होंने 84 वर्ष की उम्र में उन्होंने मुंबई के अस्पताल में अंतिम सांस ली। रतन नवल टाटा अपने पीछे एक सुनहरा इतिहास छोड़ गए हैं जिनमें टाटा मोटर्स भी शामिल है। इन्होंने वो सपना देखा था जो मुनाफा कमाने वाले कभी ना देख पाते, रतन टाटा हर गरीब के घर में भी कार देखना चाहते थी। इसके लिए उन्होंने लखटकिया नाम से पॉपुलर टाटा नैनो भारत में लॉन्च की थी। इसकी शुरुआती एक्सशोरूम कीमत 2.26 लाख थी जो 3.20 लाख तक जाती थी। हालांकि कमजोर मांग के चलते इसे बंद कर दिया गया था।

रतन टाटा का सपना

टाटा नैनो रतन टाटा का सपना थी और 2008 से 2018 तक इसकी बिक्री जारी भी रही। हालांकि नैनो के अलावा दशकों से टाटा कारें भारतीय मार्केट में धमाल मचा रही हैं और इस ब्रांड की जिन कारों से आज आप टशन मारते हैं वो रतन टाटा की ही देन है। इन्होंने टाटा सूमो के समय से ही टाटा मोटर्स की दिशा और दशा बदलने का काम शुरू कर दिया था। आज की तारीख में आईसीई कारों के साथ टाटा मोटर्स ने इलेक्ट्रिक वाहन मार्केट पर भी कब्जा किया हुआ है जो समय पर वाहन लाने की वजह से संभव हुआ है।
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