बजट कार नहीं रही भारत के आम आदमी की पसंद? कारों की बिक्री से हुआ ये खुलासा!

एक दशक पहले तक भारत के आम आदमी की पसंद बजट कारें हुआ करती थीं, लेकिन अब हालात बदलते हुए नजर आ रहे हैं और हाल ही में बजट कारों की बिक्री को लेकर एक ऐसा आंकड़ा सामना आया है जो आपको हैरान होने पर मजबूर कर देगा।

आम आदमी के लिए बदल रही है बजट कारों की परिभाषा

Sub 5 Lakh Car Segment Shrinks: आज से एक दशक पहले तक अगर किसी को कार लेनी होती थी तो उसकी पहली पसंद बजट कारें हुआ करती थीं। लेकिन समय के साथ-साथ बजट कार को लेकर आम आदमी की पसंद और आम आदमी के लिए बजट कार की परिभाषा दोनों ही काफी तेजी से बदल रहे हैं। पिछले कुछ सालों में कारों की कीमत में काफी तेजी से इजाफा हुआ है और इसके पीछे पुर्जों के दामों में होती वृद्धि के साथ-साथ ज्यादा सेफ्टी फीचर्स के लिए होने वाले खर्चे जैसे फैक्टर्स मौजूद हैं। अब हालात ये हैं कि 5 लाख से कम कीमत वाली कारों की हिस्सेदारी मार्केट में बेहद कम हो गई है।

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मार्केट में कम हुई हिस्सेदारी

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8 साल पहले तक मार्केट में 5 लाख या इससे कम कीमत वाली कारों की हिस्सेदारी लगभग 33.6% हुआ करती थी जबकि 2023 में यह आंकड़ा कम होकर मात्र 0.3% रह गया है। कार कंपनियों ने ज्यादा कमाई करने के लिए अब बजट कारों से अपना ध्यान बड़ी और ज्यादा प्रीमियम कारों पर लगाना शुरू कर दिया है। एक वक्त ऐसा होता था जब इस पोर्टफोलियो में मारुती, हुंडई, टाटा और रेनो जैसी सभी कंपनियों की कारें हुआ करती थीं और अब इस सेगमेंट में केवल मारुती सुजुकी रह गई है।

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