Tesla के कर्मचारियों पर गिरेगी गाज, कंपनी 10 % से ज्यादा स्टाफ की करेगी छंटनी

Tesla Mass Layoff: टेस्ला की भारतीय मार्केट में एंट्री को लेकर जहां उत्साह का माहौल है, वहीं ग्लोबल लेवल पर कंपनी ने 10 प्रतिशत से ज्यादा कर्मचारियों की छंटी का ऐलान कर दिया है। टेस्ला के मुखिया जल्द अपनी पहली भारत यात्रा पर आने वाले हैं और यहां टेस्ला इंडिया की एंट्री पर फैसला होगा।

Tesla Layoffs

दिसंबर 2023 तक उपलब्ध आंकड़ों के हिसाब से टेस्ला में 1.40 लाख से भी ज्यादा कर्मचारी कार्यरत हैं।

मुख्य बातें
  • टेस्ला ने किया बड़ी छंटनी का ऐलान
  • 10% से ज्यादा स्टाफ पर गिरेगी गाज
  • भारत में जल्द होगी टेस्ला की एंट्री

Tesla Mass Layoff: टेस्ला एक तरफ भारत में एंट्री करने की तैयारियां लगभग पूरी कर चुकी है जिसके लिए कंपनी के मुखिया एलन मस्क जल्द पहली बार भारत आ रहे हैं। दूसरी तरफ कंपनी ने ग्लोबल लेवल पर अपने 10 फीसदी कर्मचारियों की छंटनी का ऐलान कर दिया है। टेक पब्लिकेशन इलेक्ट्रिक ने अपनी रिपोर्ट में ये जानकारी दी है। दिसंबर 2023 तक उपलब्ध आंकड़ों के हिसाब से टेस्ला में 1.40 लाख से भी ज्यादा कर्मचारी कार्यरत हैं जिनमें से करीब 15,000 लोगों को कंपनी से निकाला जाने वाला है। बता दें कि हाल में टेस्ला ने अपनी सबसे सस्ती इलेक्ट्रिक कार बनाने का प्लान भी ड्रॉप कर दिया है जो बड़ी खबर है।

मस्क की पहली भारत यात्रा

एलन मस्क इस महीने के अंत में देश में कम से कम 48 घंटे बिताने के लिए पहली बार भारत आ रहे हैं। चूंकि सभी की निगाहें इस पर हैं कि अरबपति मस्क प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उद्योग जगत के नेताओं के साथ अपनी बैठक के दौरान क्या घोषणा करेंगे, टेस्ला प्रेमियों का सिर्फ एक ही सवाल है : वे आखिरकार 'मेक इन इंडिया', किफायती ईवी कब चला पाएंगे? एक सस्ता मॉडल 3, एंट्री-लेवल टेस्ला है, जिसे सिर्फ बैटरी घटकों के स्थानीय विनिर्माण और एक मजबूत ईवी आपूर्ति प्रणाली के साथ ही चलाना संभव हो सकता है।

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मॉडल 3 की कीमत

फिलहाल दुनियाभर में टेस्ला की कीमतें लगभग एक जैसी ही हैं। मॉडल 3 के बेस वेरिएंट की कीमत 40,000 डॉलर (करीब 33.5 लाख रुपये) से ज्यादा है। मार्केट इंटेलिजेंस फर्म काउंटरपॉइंट रिसर्च के वरिष्ठ विश्‍लेषक सौमेन मंडल के अनुसार, टेस्ला द्वारा स्थानीय उत्पादन स्थापित करने से आयात शुल्क खत्‍म हो जाएगा, जिससे एक किफायती टेस्ला कार का मार्ग प्रशस्त होगा।

एडवांस्ड ड्राइवर असिस्टेंस सिस्टम

साथ ही, अगर देश में निर्मित टेस्ला कारें वैश्विक स्तर पर उपलब्ध कारों की तुलना में कम सुविधाओं के साथ आती हैं तो लागत में कमी हासिल की जा सकती है। मंडल ने आईएएनएस को बताया कि फुल सेल्फ-ड्राइविंग (एफएसडी) मोड के लिए आवश्यक कुछ हार्डवेयर को खत्‍म किया जा सकता है और "एडवांस्ड ड्राइवर असिस्टेंस सिस्टम (एडीएएस) लेवल 2 को शामिल किया जा सकता है"।

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कितना होगा उत्पादन

टेस्ला अंततः भारत में 20 लाख रुपये से शुरू होने वाले सालाना 5 लाख इलेक्ट्रिक वाहनों का उत्पादन कर सकता है। 20 लाख रुपये की कार बनाने के लिए टेस्ला के पास 50 हजार वाट से कम क्षमता वाला बैटरी पैक भी हो सकता है और इलेक्ट्रिक मोटर कम पावर की हो सकती है। छोटे केंद्र डिस्प्ले के साथ वाहन में इलेक्ट्रॉनिक्स को भी कम किया जा सकता है।

सरकार ने घटाया आयात कर

नई ईवी नीति में भारत सरकार ने आयातित कारों पर सीमा शुल्क को पहले के 100 फीसदी से घटाकर 15 फीसदी (कुछ शर्तों के साथ) कर दिया है। देश में ईवी के लिए विनिर्माण सुविधाएं स्थापित करने के लिए न्यूनतम 4,150 करोड़ रुपये (लगभग 500 मिलियन डॉलर) के निवेश की जरूरत होगी। उद्योग विशेषज्ञों के अनुसार, टेस्ला 2030 तक भारत में कम से कम 3.6 अरब डॉलर का राजस्व पैदा कर सकती है।

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अंशुमन साकल्ले author

अंशुमन साकल्ले जून 2022 से टाइम्स नाउ नवभारत (www.timesnowhindi.com/) में बतौर सीनियर स्पेशल करेस्पॉन्डेंट कार्यरत हैं। ये ईएमएमसी, दैनिक भास्कर, एनडी...और देखें

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