Tesla ने किया Tesla पर केस, अदालत पहुंची एक भारत की तो दूसरी US की कंपनी

Tesla Vs Tesla: इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता टेस्ला ने भारत की एक बैटरी निर्माता टेस्ला पावर इंडिया प्रा. लि. पर ब्रांड का नाम इस्तेमाल करने के लिए मुकदमा दर्ज किया है। कंपनी ने दिल्ली हाई कोर्ट में इस कंपनी के खिलाफ केस किया है जिसपर पहली सुनवाई हो चुकी है।

अप्रैल 2022 में नोटिस देने के बावजूद टेस्ला पावर्ड ने अपने प्रोडक्ट को इसी नाम से प्रमोट किया

मुख्य बातें
  • टेस्ला ने किया टेस्ला पर मुकदमा
  • ब्रांड नेम इस्तेमाल करने का आरोप
  • दिल्ली हाई कोर्ट में दायर हुआ केस

Tesla Vs Tesla: एलोन मस्क की टेस्ला ने अभी भारत में एंट्री हुई भी नहीं है और एक भारतीय कंपनी पर टेस्ला ने केस कर दिया है। असल में भारत के एक बैटरी ब्रांड ने टेस्ला पावर्ड नाम का ट्रेडमार्क इस्तेमाल करना शुरू किया जिसपर टेस्ला ने 2022 में आपत्ति जताई थी। टेस्ला ने कंपनी को डैमेज और पर्मानेंट इंजेक्शन के चलते दिल्ली हाई कोर्ट में मुकदमा दर्ज किया है। टेस्ला की मानें तो अप्रैल 2022 में नोटिस देने के बावजूद टेस्ला पावर्ड ने अपने प्रोडक्ट को इसी नाम से प्रमोट किया।

हम इलेक्ट्रिक वाहन नहीं बनाते

टेस्ला द्वारा दायर किए मुकदमे पर अपना बयान देते हुए टेस्ला पावर इंडिया लिमिटेड ने अपने मुख्य व्यवसाय के बारे में बताया कि वो लेड एसिड बैटरी बनाते हैं। कंपनी का कोई इरादा इलेक्ट्रिक वाहन बनाने का नहीं है। इस मामले की सुनवाई करने के बाद दिल्ली हाई कोर्ट के जज ने इस भारतीय कंपनी को तीन हफ्ते ही मोहलत दी है। कोर्ट रिकॉर्ड में सामने आया है कि टेस्ला पावर इंडिया प्रा. लि. ने अपने बचाव में जो दस्तावेज प्रस्तुत किए हैं, इसके बाद ही कोर्ट ने तीन हफ्ते का समय लिखित जवाब के लिए दिया है।

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