Car Insurance: लेने जा रहे हैं कार इंश्योरेंस, इन बातों का रखें खास ध्यान

कार नई हो या पुरानी इंश्योरेंस होना बहुत ही जरूरी होता है। दरअसल कार अपने आप में एक काफी बड़ी इन्वेस्टमेंट होती है। इसीलिए यह बहुत जरूरी हो जाता है कि आप अपनी इस इन्वेस्टमेंट की सुरक्षा करें। लेकिन अगर इंश्योरेंस खरीदते हुए कुछ खास बातों का ध्यान न रखा जाये तो आपको इसका काफी बड़ा खामियाजा उठाना पड़ता है।

लेने जा रहे हैं कार इंश्योरेंस, इन बातों का रखें खास ध्यान

Car Insurance: कार खरीदना अपने आप में एक काफी बड़ी इन्वेस्टमेंट है। इसीलिए यह बहुत जरूरी है कि आप अपनी कार का खास ध्यान रखें। गाड़ी चलाते हुए कार का ध्यान तो रखना ही होता है, साथ ही कार का इंश्योरेंस भी बहुत जरूरी होता है। इससे आपकी इन्वेस्टमेंट को गारंटी की एक अतिरिक्त परत मिल जाती है। कार नई हो या पुरानी, इंश्योरेंस खरीदना हमेशा उतना ही जरूरी रहता है जितना पहली बार होता है। लेकिन अगर आप पहली बार खुद से कार इंश्योरेंस खरीदने जा रहे हैं तो आपको कुछ बातों का खास ध्यान रखना चाहिए। आईए जानते हैं यह खास बातें क्या हैं।

कवरेज को समझ लें

इंश्योरेंस लेने से पहले पॉलिसी द्वारा प्रदान किए जाने वाले कवरेज को अच्छी तरह समझ लें। भारत में मिलने वाली अधिकतर मोटर इंश्योरेंस पॉलिसी, दो तरह के कवरेज प्रदान करती हैं। इनमें से एक थर्ड पार्टी और दूसरा कंप्रिहेंसिव कवरेज है। थर्ड पार्टी कवरेज आपकी कार से दूसरे की संपत्ति, जान या माल को हुई हानि को कवर करता है। दूसरी तरफ कंप्रिहेंसिव कवरेज है जो आपकी कार से किसी और की संपत्ति, जान या माल को हुई हानि के साथ आपकी कार को हुए डैमेज को भी कवर करता है।

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क्या है प्रीमियम और IDV?

ज्यादातर लोगों को इंश्योरेंस पॉलिसी के प्रीमियम के बारे में तो पता होता है, लेकिन IDV के बारे में कोई खास जानकारी नहीं होती। प्रीमियम वह रकम है जिसका भुगतान आप कंपनी को अपनी कार के कवरेज के बदले में करते हैं। दूसरी तरफ IDV या इंश्योर्ड डिक्लेयर्ड वैल्यू, मार्केट में मौजूद आपकी कार की कीमत है। एक्सीडेंट की स्थिति में अगर कार दोबारा चलाने लायक नहीं रह जाती तो कंपनी आपको IDV का भुगतान करती है।

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