Times Drive Auto Summit: बायो फ्यूल और इलेक्ट्रिक वाहनों पर सरकार का क्या है प्लान, नितिन गडकरी ने विस्तार से बताया
टाइम्स ड्राइव ऑटो समिट में केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी भी पहुंचें। चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर और इसके महंगे होने के कारण लोग इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने से बचते हैं, इससे निपटने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं, इस मुद्दे पर नितिन गडकरी ने विस्तार से बात की।

नितिन गडकरी
Times Drive Auto Summit & Awards 2025: टाइम्स नाउ के कार्यक्रम टाइम्स ड्राइव ऑटो समिट एंड अवॉर्ड 2025 में मंगलवार को केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने बायो फ्यूल, इलेक्ट्रिक वाहनों, सड़क दुर्घटनाएं, हाईवे पर ढाबे, सड़क निर्माण जैसे कई मुद्दों पर विस्तार से बात की। चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर और इसके महंगे होने के कारण लोग इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने से बचते हैं, इससे निपटने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं, इस मुद्दे पर गडकरी ने कहा- जितनी कारें मार्केट में उपलब्थ हैं, उनकी रेंज 450 किमी. तक है, स्कूटर की रेंज 120 किलोमीटर है, एक स्कूटर 24-26 किलोमीटर चलता है, ये रात भर में चार्ज हो सकती है। इसलिए टू-व्हीलर में चार्जिंग की दिक्कत नहीं है।
चार्जिंग की समस्या पर काम
गडकरी ने कहा, अभी जो कारें आ रही हैं वो 300-350 किमी. से ऊपर है। शहरों में 80-100 किमी. से ऊपर नहीं चलाते। समस्या ये होती है कि मुंबई से दिल्ली आना ह या दिल्ली से देहरादून जाना है या चंडीगढ़ जाना है, तो चार्जिंग की जरूरत है। एनएचआई की तरफ से 670 जगहों पर चार्जिंग स्टेशन लग रहे हैं। पहले चार्जर की समस्या था, अब एक ही चार्जर पर हर वाहन चार्ज हो जाएगा। अब इलेक्ट्रिक बसें भी आ रही हैं।
ईवी की ग्रोथ बढ़ी
मुझे नहीं लगता कि अब चार्जिंग में कोई समस्या आएगा। नागपुर में एक पायलट प्रोजेक्ट हुआ है, वो फ्लैश चार्जिंग सिस्टम है। 135 सीटर इलेक्ट्रिक बस होगी और इसमें हवाई जहाज जैसी सुविधाएं होंगी, जिस तरह से हवाई जहाज में एयर होस्टेस होती हैं। इसका टिकट डीजल बस की तुलना में 30 फीसदी कम होगा। ईवी की ग्रोथ पेट्रोल-डीजल की तुलना में बढ़ चुकी है। ईवी कार की ग्रोथ 15.4 फीसदी है। पेट्रोल-डीजल की 4.2 फीसदी है। ईवी टू-व्हीलर्स की ग्रोथ 33 फीसदी है। जबकि पेट्रोल डीजल टू-व्हीलर्स की ग्रोथ 14 फीसदी है। ईवी थ्री की ग्रोथ 19 है। जबकि पेट्रोल थ्री व्हीलर की ग्रोथ 6.8 फीसदी है। पहली बार ईवी की ग्रोथ पेट्रोल डीजल वाहन के मुकाबले बढ़ी है।
बायो एविएशन फ्यूल मिलाने की शुरुआत
दावोस वर्ल्ड कॉन्फ्रेंस में तय हुआ है कि पेट्रोलियम एविएशन फ्यूल में बायो एविएशन फ्यूल मिलाएंगे जिस तरह एथेनॉल की शुरुआत हुई है। दिल्ली प्रदूषण का कैपिटल बना है, इसका 45 फीसदी कारण यहां का ट्रांसपोर्ट है। हमारे देश में ट्रक में कंस्ट्रक्शन का सामान जैसे सीमेंट खुले में ले जाया जाता है। अब हम इस पर कार्रवाई शुरू करेंगे।
220 लाख टन पराली पंजाब, हरियाणा और यूपी से जलाया जाता है। इसे लेकर इंडियन ऑयल ने पानीपत में एक लाख लीटर बायो एथेनाल, 150 सौ बायो बिटुमिन, और करीब 78 हजार टन प्रति वर्ष सस्टेनेबल एविएशन फ्यूल, ऐसा प्रोजेक्ट बनाया है।
शुरुआती में मशीनों की थोड़ी परेशानी थी, इसमें जो बिटुमिन तैयार होता है, जो बायो प्रोडक्ट तैयार होता है, वो है लिगनेंट। पंजाब-हरियाणा और देश में 500 प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो गया है। मैं उस एसोसिएशन का अध्यक्ष हूं। इनमें से 60 शुरू हो चुके हैं, वो पहले से ही पराली से बायो-सीएनजी बनाते हैं। उसमें से 35 परसेंट लिगनेंट निकलता है। हमने लिगनेंट में बिटुमिन को मिलाकर नागपुर-जबलपुर रोड पर एक किलोमीटर लंबा हाइवे बनाया और टेस्टिंग करके पता चला कि पेट्रोलियम बिटुमिन से ये 50 फीसदी ज्यादा अच्छा है।
पराली से फायदा
हमारे देश में 90 लाख टन बिटुमिन इंपोर्ट होता है, हमारे रिफायनरी की कैपेसिटी 45 से 50 लाख टन है, तो हमने तय किया है कि बिटुमिन में 35 फीसदी लिगनेंट निकलता है जो सीएनजी तैयार करता है, उसका स्टैंडर्ड फिक्स करके उसे मिलाएं। जो खराब टायर हैं उसका पाउडर तैयार करें, उसमें 5-7 फीसदी प्लास्टिक डालें, तो हमारा बिटुमिन का आयात करीब 15 लाख टन कम हो जाएगा। जो पराली हम जलाते थे उसका भाव अभी 2200-2500 हजार टन हुआ है। किसानों को भी पैसे मिलेंगे, और पराली से वेस्ट टू वेल्थ का कॉन्सेप्ट पूरा होगा। अब एविएशन फ्यूल भी ज्यादा दूर नहीं है।
हेलमेट है जरूरी
साथ ही गडकरी ने भी कहा कि दो पहिया वाहन के साथ दो हेलमेट दिये जाएंगे। बता दें कि दो पहिया वाहन खरीदने पर अभी एक हेल्मेट साथ में मिलता है, लेकिन जल्द ही दो हेल्मेट मिलेंगे।
सालाना 4.80 लाख सड़क हादसे
उन्होंने कहा कि आज ही हमने एक फाइल पर दस्तखत किए हैं जिसके तहत दो पहिया बेचने वाले जब वाहन बेचेंगे तो उसके साथ दो हेलमेट देंगे। उन्होंने कहा कि हमारे देश में 4.80 लाख सड़क दुर्घटनाएं होती हैं और 1.88 लाख मौतें होती हैं जिनमें से 10 हजार बच्चों की मौत होती हैं। अब दो पहिया बेचने वालों को दो हेलमेट देना पड़ेगा, क्योंकि किसी की लड़ाई में, कोरोना में मौतें नहीं होती हैं, बल्कि लोग सड़क दुर्घटनाओं में अपनी जान गंवा रहे हैं।
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करीब 18 वर्षों से पत्रकारिता के पेशे से जुड़ा हुआ हूं। इस दौरान प्रिंट, टेलीविजन और डिजिटल का अनुभव हासिल किया। कई मीडिया संस्थानों में मिले अनुभव ने ...और देखें

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