इलेक्ट्रिक वाहनों पर अब सब्सिडी की जरूरत नहीं - नितिन गडकरी
Nitin Gadkari On EV Subsidy: नितिन गडकरी ने कहा अब लोग खुद ही ईवी या सीएनजी वाहनों को लेना पसंद कर रहे हैं। गडकरी ने बीएनईएफ सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि पहले इलेक्ट्रिक वाहनों के विनिर्माण की लागत बहुत अधिक थी लेकिन अब मांग बढ़ चुकी है और इसकी उत्पादन लागत भी घट गई है।
ईवी विनिर्माताओं को सब्सिडी देने की जरूरत नहीं रह गई है।
- ईवी पर अब सब्सिडी की जरूरत नहीं
- केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का बयान
- बढ़ चुकी है इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग
Nitin Gadkari On EV Subsidy: केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) विनिर्माताओं को सब्सिडी जारी रखने की जरूरत से इनकार करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि अब लोग खुद ही ईवी या सीएनजी वाहनों को लेना पसंद कर रहे हैं। गडकरी ने बीएनईएफ सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि पहले इलेक्ट्रिक वाहनों के विनिर्माण की लागत बहुत अधिक थी लेकिन अब मांग बढ़ चुकी है और इसकी उत्पादन लागत भी घट गई है। ऐसी स्थिति में ईवी विनिर्माताओं को सब्सिडी देने की जरूरत नहीं रह गई है।
ईवी पर सिर्फ पांच प्रतिशत जीएसटी
उन्होंने कहा, ‘‘उपभोक्ता अब अपनी पसंद से ईवी और सीएनजी वाहनों को खरीदने लगे हैं। मुझे नहीं लगता है कि हमें अब इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए अधिक सब्सिडी देने की जरूरत रह गई है। सब्सिडी की मांग अब उचित नहीं रही।’’ उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों पर लगने वाला माल एवं सेवा कर (जीएसटी) पेट्रोल और डीजल वाहनों की तुलना में कम है। फिलहाल हाइब्रिड एवं पेट्रोल-डीजल इंजन वाले वाहनों पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगता है जबकि इलेक्ट्रिक वाहनों पर सिर्फ पांच प्रतिशत जीएसटी लगता है।
ईवी को सब्सिडी की जरूरत नहीं
उन्होंने कहा, ‘‘मेरे विचार से इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण को अब सरकार द्वारा सब्सिडी दिए जाने की जरूरत नहीं है। सब्सिडी की मांग अब उचित नहीं रह गई है।’’ हालांकि, उन्होंने ईवी को प्रोत्साहन देने के लिए पेट्रोल एवं डीजल वाहनों पर अतिरिक्त कर लगाने की संभावना को नकार दिया। उन्होंने कहा कि पेट्रोल और डीजल की जगह वैकल्पिक ईंधन की तरफ रुख करना एक क्रमिक प्रक्रिया होगी। उन्होंने कहा कि ईवी में इस्तेमाल होने वाली लिथियम-ऑयन बैटरी की लागत में आगे चलकर और कमी आने से इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमतें घटेंगी।
सब्सिडी एक बढ़िया बात है
गडकरी ने कहा, ‘‘दो साल के भीतर डीजल, पेट्रोल और इलेक्ट्रिक वाहनों की लागत बराबर हो जाएगी। शुरुआती दौर में ईवी की लागत बहुत अधिक होती थी लिहाजा हमें ईवी विनिर्माताओं को सब्सि़डी देना जरूरी था।’’ जब उनसे फेम योजना की अवधि बढ़ाने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘‘फेम योजना के तहत सब्सिडी एक बढ़िया बात है। हालांकि, यह मसला मेरे मंत्रालय से संबंधित नहीं है।’’ भारी उद्योग मंत्री एच डी कुमारस्वामी ने एक दिन पहले कहा था कि सरकार को अपनी इलेक्ट्रिक परिवहन क्रियान्वयन योजना ‘फेम’ के तीसरे चरण को एक-दो महीने में अंतिम रूप देने की उम्मीद है।
10,000 करोड़ रुपये से शुरुआत
फेम-3 योजना अस्थायी इलेक्ट्रिक परिवहन प्रोत्साहन योजना, 2024 की जगह लेगी जो इसी महीने खत्म होने वाली है। फेम योजना का दूसरा चरण 2019 में तीन वर्षों के लिए 10,000 करोड़ रुपये के शुरुआती परिव्यय के साथ शुरू किया गया था। बाद में इसे 1,500 करोड़ रुपये के अतिरिक्त परिव्यय के साथ मार्च, 2024 तक बढ़ा दिया गया था। इस योजना का प्रारंभिक लक्ष्य 10 लाख इलेक्ट्रिक दोपहिया, पांच लाख इलेक्ट्रिक तिपहिया, 55,000 यात्री कारों और 7,000 इलेक्ट्रिक बसों को समर्थन देना था।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | ऑटो (auto News) और बजट 2024 (Union Budget 2024) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |
अंशुमन साकल्ले जून 2022 से टाइम्स नाउ नवभारत (www.timesnowhindi.com/) में बतौर सीनियर स्पेशल करेस्पॉन्डेंट कार्यरत हैं। ये ईएमएमसी, दैनिक भास्कर, एनडी...और देखें
Motoverse 2024: Royal Enfield Scram 440 से हटा पर्दा, मिला ज्यादा दमदार इंजन
Ola Electric को लगातार हो रहा नुकसान, 500 कर्मचारियों की छंटनी करेगी कंपनी
Mahindra Scorpio Classic पर बंपर डिस्काउंट, सस्ते में पूरा हो जाएगा एसयूवी का सपना
2025 भारत मोबिलिटी एक्सपो में लॉन्च होगी नई Creta EV, फुल पैसा वसूल होगी SUV
Toyota Innova Hycross का बड़ा कारनामा, बन चुकी है इतने लोगों की शान की सवारी
© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited